मुंबई: शिंदे सरकार ने उद्धव सरकार के RA कालोनी में मेट्रो शेड बनाने पर रोक वाले फैसले को पलट दिया है। अब शिंदे सरकार ने ऐलान किया है कि, मेट्रो कार शेड आरए कालोनी में ही बनेगा। उद्धव सरकार ने आरे कालोनी में मेट्रो शेड के भारी विरोध के बाद शेड को ट्रांसफर करने का फैसला लिया था। लेकिन अब उस फैसले को शिंदे सरकार ने पलट दिया है। लिहाजा इस पर सियासत शुरू हो गई है।
आरे कालोनी में मेट्रो शेड बनाने को लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस ने फैसले को लेकर बीजेपी को घेरा है और शिंदे-बीजेपी सरकार को महाविनाश अघाड़ी सरकार की संज्ञा दी। महाराष्ट्र कांग्रेस ने ट्वीट किया कि, बीजेपी की महाविनाश अघाड़ी के आते ही विनाश शुरू हो गया है। इससे पहले पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मेट्रो कार शेड को आरे से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटे 1,287 हेक्टेयर में फैली आरे कॉलोनी को मुंबई के प्रमुख हरित पट्टी (Major Green Lung ) के रूप में जाना जाता है। 2019 में, भाजपा-शिवसेना सरकार यहां चल रही मेट्रो परियोजना के लिए साइट पर एक शेड का निर्माण करना चाह रही थी। इस कदम के खिलाफ नागरिकों और हरित कार्यकर्ताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की मांग वाली इन याचिकाओं को खारिज करने के कुछ ही घंटों के भीतर, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) ने पेड़ काटना शुरू कर दिया।
मुंबई नागरिक निकाय ने मेट्रो अधिकारियों को 2,700 पेड़ गिरने की अनुमति दी थी। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पेड़ों की कटाई का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल आरे कॉलोनी में एक छोटे से क्षेत्र तक ही सीमित है और मुंबईकरों के लिए एक आधुनिक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। ऐसी भी खबरें थीं कि मुंबई मेट्रो रेल के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की थी कि मेट्रो लाइन 3 परियोजना में तीन साल की देरी हो सकती है और अगर लाइन के लिए कार शेड को आरे कॉलोनी से स्थानांतरित कर दिया गया तो इसकी लागत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
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