नई दिल्ली : देश कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप से अभी निकल नहीं पाया है कि इसके तीसरे लहर के बारे में बातें की जाने लगी हैं। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा है कि महामारी की तीसरी लहर आनी तय है और इसे टाला नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी लहर आने से पहले सरकार को अपनी तैयारी करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तीसरी लहर में बच्चे महामारी की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए बच्चों और महामारी को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी करने और उनके लिए टीका विकसित करने की जरूरत है।
तैयारी करने में महाराष्ट्र सबसे आगे
कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा के बीच महाराष्ट्र ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। तैयारी की दिशा में पहल करने वाला वह देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सबसे पहले तीसरी लहर के खतरे के प्रति आगाह करते हुए अधिकारियों को इसकी तैयारी करने का निर्देश दिया। गत बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 'मिशन ऑक्सीजन' शुरू किया है। उन्होंने मीडिया से कहा, 'हमने तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है। हमने ऑक्सीजन का उत्पादन 1,200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3,000 मीट्रिक टन करने का फैसला किया है।'
डॉक्टरों से बात कर रहे टॉस्ट फोर्स के सदस्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है जबकि कुछ जिलों में नए केस बढ़ रहे हैं। उद्धव ने बताया कि कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों ने फैमिली डॉक्टर से बात करनी शुरू की है। टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टरों को ये बता रहे हैं कि कोरोना पॉजिविट मरीज आने पर उन्हें क्या करना है और उनका इलाज में किस तरीके का अनुसरण करना है।
मुंबई में बनेगा पीडियाट्रिक वार्ड
उद्धव सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि तीसरी लहर को देखते हुए मुंबई में पीडियाट्रिक कोविड केयर वार्ड और क्रेच नेटवर्क बनाए जा रहे हैं। बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए गोरेगांव के नेस्को जंबो कोविड सेंटर में एक पीडियाट्रिक कोविड वार्ड बनाया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों के लिए यह देश का पहला पीडियाट्रिक वार्ड होगा जिसमें करीब 700 बेड्स होंगे।
देश में 30 प्रतिशत आबादी बच्चों एवं किशोरों की
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की आशंका बहुत ज्यादा है कि कोरोना की तीसरी लहर 0 से 18 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों को अपने गिरफ्त में लेगी। देश में 30 प्रतिशत आबादी 0 से 18 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों की है। इतनी बड़ी आबादी को यदि सुरक्षित रखना है और इनमें हर्ड इम्युनिटी विकसित करना है तो बड़ी मात्रा में इस आबादी का टीकाकरण करना होगा।
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