मुंबई : अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई के पाली हिल स्थित दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्वारी नाखुश है। बताया जा रहा है कि उद्धव सरकार के शीर्ष अधिकारियों का तलब किया है। चर्चा यह भी है कि राज्यपाल कोश्यारी इस बारे में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को भेज सकते हैं। उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकार अजय मेहता राज्यपाल से मिलेंगे और कंगना के दफ्तर पर बीएमसी द्वारा बुलडोजर चलाए जाने पर स्पष्टीकरण देंगे। बता दें कि कंगना के दफ्तर पर कार्रवाई को लेकर शिवसेना की चौतरफा आलोचना हो रही है।
कार्रवाई के समय पर उठ रहे सवाल
बीएमसी की इस कार्रवाई के समय पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं। लोगों ने इसे 'बदले की कार्रवाई' बताया है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में कंगना ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद कंगना शिवसेना के नेताओं के निशाने पर आ गईं। शिवसेना नेता संजय राउत ने अभिनेत्री को मुंबई आने पर देख लेने की धमकी दी। कंगना ने राउत की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि वह नौ सितंबर को मुंबई पहुंच रही हैं।
शिवसेना और कंगना के बीच जारी है विवाद
इस बीच, कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले बीएमसी ने उनके बंगले पर तोड़फोड़ का नोटिस चस्पा कर दिया। इसके पहले कि कंगना नौ सितंबर को मुंबई पहुंचतीं कि इसके पहले बीएमसी ने उनके दफ्तर का कथित रूप से अवैध हिस्सा तोड़ दिया। मुंबई लौटने के बाद अभिनेत्री ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। अपने वीडियो संदेश में कंगना ने कहा, 'उद्धव आज मेरा घेरा टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा।'
शरद पवार भी बोले-कार्रवाई उचित नहीं
बीएमसी की इस कार्रवाई से सरकार के सहयोगी दल भी शिवसेना से दूरी बनाते दिखे हैं। बीएमसी की तोड़फोड़ की कार्रवाई को राकांपा नेता शरद पवार ने उचित नहीं ठहराया है। पवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीएमसी में जल्दबाजी में कार्रवाई की। मुंबई में बहुत सारे ऐसे घर हैं जो नियमों के हिसाब से नहीं बने हैं। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी बीएमसी की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह की भावनाओं की कोई जगह नहीं है।
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