नई दिल्ली : क्या महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के बीच सब ठीक चल रहा है? क्या तीनों दलों के नेता मंत्री पद के बंटवारे को लेकर संतुष्ट नहीं है? 30 दिसंबर को उद्धव ठाकरे ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया था और 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी, लेकिन अभी तक पोर्टफोलियो नहीं बांटे गए हैं। ऐसे में सवाल है कि देरी की वजह क्या है?
इतने सवालों के बीच खबर आई है कि शिवसेना के नवनियुक्त राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार नबी ने सरकार से बाहर निकलने की धमकी दी है। बताया जा रहा है कि राज्य मंत्री बनाए जाने से सत्तार खुश नहीं हैं, वो कैबिनेट पद चाहते हैं। इसे लेकर उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है।
हालांकि परिवार और पार्टी ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने न्यूज एजेंसी IANS से कहा, 'यह सही नहीं है। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, न ही मुझे या पार्टी के किसी अन्य व्यक्ति को इस्तीफा पत्र सौंपा है।'
वहीं बेटे समीत सत्तार ने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, केवल वही इस पर बोल सकते हैं और मुझे यकीन है कि वह जल्द ही बोलेंगे, इंतजार करना और देखना बेहतर होगा।'
शिवसेना का एकमात्र मुस्लिम चेहरा सत्तार उन चार मुस्लिम नेताओं में से हैं, जिन्होंने 30 दिसंबर मंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा एनसीपी के नवाब मलिक और हसन मुश्रीफ और कांग्रेस के असलम शेख ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
सिल्लोड निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक सत्तार 2014 में महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री थे। 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और शिवसेना में शामिल हो गए।
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