'और भी होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर करेंगे' ऐसा कह महात्मा गांधी के पोते का विपक्ष के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से इनकार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पोता गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि  विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्रीय सहमति और विपक्षी एकता के अलावा एक राष्ट्रीय माहौल पैदा करे।

Mahatma Gandhi's grandson Gopal krishna Gandhi refuses to be the opposition's presidential candidate
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पोता गोपालकृष्ण गांधी 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पोता गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि विपक्ष के कई सम्मानित नेताओं ने मुझे राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद के लिए आगामी चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवारी के लिए मेरे बारे में सोचने का सम्मान दिया है। मैं उनका अत्यंत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्रीय सहमति और विपक्षी एकता के अलावा एक राष्ट्रीय माहौल पैदा करे। मुझे लगता है कि और भी होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर करेंगे। और इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे व्यक्ति को अवसर दें। भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले जिसकी अध्यक्षता राजाजी ने अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में की और जिसका उद्घाटन हमारे पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया।

आगामी राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए 15 जून को दिल्ली में ममदा बनर्जी द्वारा बुलाई गई इस तरह की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बकरार रखने वाला एक साझा उम्मीदवार विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में चुना जाएगा। बैठक में कुछ नेताओं ने एनसीपी के लीडर शरद पवार को चुनाव में उतारे जाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वह अभी सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं। उनके अलावा फारूक अब्दुल्ला भी ने इनकार कर चुके हैं। इसके बाद गोपाल कृष्ण गांधी के नाम की चर्चा थी। अब इन्होंने ने भी इनकार कर दिया है।

इस बैठक में करीब 17 दलों ने भाग लिया था। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के नेता इस बैठक में शरीक हुए, जबकि आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), एआईएमआईएम और बीजू जनता दल (बीजद) ने इससे दूरी बनाए रखना मुनासिब समझा। शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-माले, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), जनता दल (सेक्यूलर), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शामिल हुए। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 21 जून को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलाई गई है।

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