नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून और NRC को लेकर भ्रम फैला रहा है। पीएम ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का भारतीय मुस्लिमों से कुछ लेना देना नहीं है। मोदी के इस बयान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रव्यापी एनआरसी पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के उलट बोल रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैंने जो कुछ भी कहा है वह सार्वजनिक मंच पर है, जो भी आपने कहा उस पर लोगों को फैसला करना है। पीएम राष्ट्रव्यापी एनआरसी पर सार्वजनिक रूप से गृह मंत्री का विरोधाभास कर रहे हैं, जो भारत के मौलिक विचार को विभाजित कर रहा है? लोग निश्चित रूप से तय करेंगे कि कौन सही है और कौन गलत?'
वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी कहा कि भय और अनिश्चितता का वातावरण हमारे द्वारा नहीं, बल्कि दोनों सदनों में गृह मंत्री द्वारा दिए गए उन बयान से पैदा हुआ, जिनमें उन्होंने कहा था कि एनआरसी लागू होगा। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को एनआरसी, सीएए जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए।'
रैली में पीएम मोदी ने कहा कि एनआरसी हमने तो बनाया नहीं, कैबिनेट में आया नहीं, संसद में आया नहीं। झूठ का हौवा खड़ा किया जा रहा है।
अमित शाह कई मौके पर कह चुके हैं कि मोदी सरकार निश्चित रूप से देश भर में NRC को लागू करेगी और जब ऐसा किया जाएगा, तो देश में एक भी अवैध अप्रवासी नहीं रहेगा। संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में नागरिकता विधेयक पर चर्चा के दौरान शाह ने कहा, 'जब हम अखिल भारतीय NRC लागू करेंगे, तो हम उसे इस सदन में लाएंगे और फिर हम इस पर चर्चा कर सकते हैं। नागरिकता बिल को NRC से जोड़ने का प्रयास न करें। मानकर चलिए एनआरसी आने वाला है।'
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