ममता बनर्जी ने सोनिया-पवार-केजरीवाल समेत 15 विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र, BJP के खिलाफ एक होने की अपील

देश
लव रघुवंशी
Updated Mar 31, 2021 | 18:28 IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC नेता ममता बनर्जी ने बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्ष के 15 प्रमुख नेताओं पर पत्र लिखा है।

Mamata Banerjee
ममता बनर्जी 

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के शीर्ष नेताओं को पत्र लिखकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होने और लोकतंत्र की रक्षा करने का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव के बीच ममता बनर्जी ने तीन पन्नों के पत्र में लिखा है कि मैं भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर केंद्र में भाजपा और उसकी सरकार द्वारा किए गए हमलों की श्रृंखला पर अपनी गंभीर चिंताओं को व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिख रही हूं।

15 विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र

तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, DMK प्रमुख एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, आंध्र के सीएम जगनमोहन रेड्डी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ-साथ एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित 15 गैर-भाजपा नेताओं को ये पत्र भेजा है। 

NCT बिल का जिक्र किया

उन्होंने लिखा, 'मेरा दृढ़ विश्वास है कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमलों के खिलाफ एकजुट और प्रभावी संघर्ष का समय आ गया है।' ममता बनर्जी ने अपने पत्र में संसद से पारित विवादास्पद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक पर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने इसे एक अत्यंत गंभीर विषय बताया। वो लिखती हैं, 'एनसीटी विधेयक संविधान में निहित भारतीय गणराज्य के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। यह लोकतंत्र का मजाक बनाता है क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को निराश करता है। उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं।'

चुनावों के बाद बने भाजपा विरोधी गठबंधन

ममता आगे कहती है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि दिल्ली में भाजपा ने जो किया है, वह अपवाद नहीं है, बल्कि एक नियम बन रहा है। भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है। उन्होंने सीबीआई-ईडी जैसी जांच एजेंसियों और राज्यपालों का उपयोग करके गैर-भाजपा राज्य सरकारों के कामकाज में केंद्र के 'हस्तक्षेप' पर भी लिखा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र-राज्य संबंध और राजनीतिक संबंध स्वतंत्र भारत के इतिहास में कभी भी इतने बुरे नहीं रहे जितने कि अब हैं। सभी पांचों विधानसभा चुनावों के परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे।

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