कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। ममता ने विधानसभा की 294 सीटों में से 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। ममता ने तीन सीटें दार्जिलिंग के अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं। खास बात है कि ममता ने 80 साल से ज्यादा उम्र वाले नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। इस बार 79 सीटें अनुसूचित जाति, 17 सीटें अनुसूचित जनजाति, 50 सीटें महिलाओं और 42 सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों को दी गई हैं।
ममता ने भाजपा को दी खुली चुनौती
नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर ममता बनर्जी ने भाजपा को खुली चुनौती दी है। ममता अभी भवानीपुर सीट से विधायक हैं। उन्होंने इस बार अपनी परंपरागत सीट को छोड़कर पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। नंदीग्राम से ममता और सुवेंदु अधिकारी दोनों का गहरा जुड़ाव है। अधिकारी का यह इलाका अपना है तो 2007 के नंदीग्राम हिंसा के बाद हुए किसान आंदोलन ने ममता को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। नंदीग्राम में हुई फायरिंग 14 किसानों की मौत हुई। यहां विशेष आर्थिक जोन बनाने के लिए लेफ्ट की सरकार जमीन अधिग्रहीत करना चाहती थी जिसका किसान विरोध कर रहे थे।
देखें-टीएमसी उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट
नंदीग्राम सीट पर सुवेंदु अधिकारी को उतार सकती है भाजपा
ममता बनर्जी एक सीट नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। चर्चा थी कि वह कोलकाता के भवानीपुर सीट से भी चुनाव लड़ सकती हैं। नंदीग्राम सीट पर भारतीय जनता पार्टी दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी को खड़ा करने वाली है। अधिकारी को यहां से टिकट मिलने पर इस सीट पर काफी कड़ा एवं रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। आइए नंदीग्राम सीट के राजनीतिक इतिहास के बारे में जानते हैं।
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