समर्थन वाला खत, दिल्ली सरकार की ताकत पर अरविंद केजरीवाल के साथ आईं ममता

कहा जाता है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त बन जाता है। इस कहावत को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कुछ इस तरह सिद्ध किया है। दिल्ली सरकार की ताकत के मुद्दे पर उन्होंने केजरीवाल को समर्थन का खत लिखा है।

समर्थन वाला खत, दिल्ली सरकार की ताकत पर अरविंद केजरीवाल के साथ आईं ममता
दिल्ली सरकार के मुद्दे पर केंद्र के बिल के विरोध में ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन दिया 
मुख्य बातें
  • दिल्ली सरकार और एलजी के कार्यक्षेत्र के बंटवारे के संबंध में केंद्र सरकार ने लोकसभा में बिल पेश किया है।
  • दिल्ली सरकार का कहना है कि चुनी हुई सरकार को एलजी के अधीनस्थ बनाने की हो रही है कोशिश
  • आम आदमी पार्टी के समर्थन में कांग्रेस और टीएमसी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली के संदर्भ में एक बिल पेश किया है जिसे लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार को ऐतराज है। आम आदमी पार्टी की सरकार का कहना है कि अगर दिल्ली में उप राज्यपाल के हाथ में ही सबकुछ होगा तो चुनी हुई सरकार का मतलब क्या है। इस संबंध में अरविंद केजरीवाल के पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की मदद मिली है। उन्होंने एक खत लिखकर कहा कि केंद्र सरकार के मनमाने फैसले पर वो पूरी तरह से दिल्ली सरकार के साथ हैं।

समर्थन की चिट्ठी में केंद्र सरकार का विरोध
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लिखे खत में अपने समर्थन को कुछ यूं बयां किया। मैं केंद्र सरकार के कुटिल, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी कदम के खिलाफ दिल्ली सरकार को हटाने और दिल्ली के सीएम का दर्जा कम करने के विरोध में पूरी एकजुटता के साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार सभी संवैधानिक व्यवस्थाओं को नजरंदाज कर रही है। सरकार में बैठे कुछ लोगों को जो अच्छा लगता है उसे वो लागू करने से नहीं चूक रहे हैं। आज लोकतंत्र को खतरा है और इसके खिलाफ हर विरोधी विचारों को एक साथ आने की जरूरत है।

इसलिए केजरीवाल के समर्थन में हैं ममता
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अरविंद केजरीवाल के समर्थन में कांग्रेस के साथ साथ ममता बनर्जी आ गईं। ममता बनर्जी का दिल्ली सरकार से क्या रिश्ता है, ममता बनर्जी की पार्टी का स्तर क्षेत्रीय है तो केजरीवाल के समर्थन की वजह क्या है। दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से लोकसभा में दिल्ली के सरकार के संबंध में बिल पेश किया गया है जिसमें इस बात की व्यवस्था है कि एलजी और सीएम के कार्यक्षेत्र में स्पष्ट बंटवारा हो जाएगा। लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि इससे सरकार एलजी के अधीनस्थ हो जाएगी।

अगर देखा जाए तो ममता बनर्जी का इससे कोई सीधा रिश्ता नहीं है। लेकिन इस बिल को मोदी सरकार लेकर आई है लिहाजा विरोध करने का उन्हें खुद ब खुद अधिकार मिल जाता है। जानकार कहते हैं कि बंगाल में इस समय चुनाव है लिहाजा मोदी सरकार के विरोध के किसी भी मौके को वो छोड़ना नहीं चाहती हैं। ममता बनर्जी, केजरीवाल को समर्थन देकर यह संदेश देना चाहती हैं कि केंद्र सरकार सिर्फ बंगाल की विरोधी नहीं है बल्कि वो हर सरकार को परेशान करने की कोशिश करती है जो गैरभाजपाई हैं।

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