मन की बात में बोले PM मोदी- 2014 के बाद 200 से अधिक मूर्तियों को वापस लाया गया, 2013 तक सिर्फ 13 आई थीं

Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया। हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी मन की बात करते हैं।

PM Modi
मन की बात 
मुख्य बातें
  • पिछले सात सालों में 200 से अधिक धरोहरों को वापस लाया गया
  • तमिलनाडु के वेल्लूर से चोरी हुई 600 से 700 साल पुरानी भगवान आंजनेय्यर की मूर्ति इसी महीने ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त हुई
  • काशी से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा भी वापस लाई गई थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर 'मन की बात' कार्यक्रम से देश-विदेश की जनता से अपने विचार साझा किए हैं। यह प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम का 86वां एपिसोड था। पीएम मोदी ने 13 फरवरी को इस महीने के 'मन की बात' के प्रसारण के लिए विचार और सुझाव मांगे थे। एक ट्वीट में उन्होंने ने कहा था कि इस महीने का 'मन की बात' कार्यक्रम 27 फरवरी को होगा और पहले की तरह मैं आपके सुझावों के लिए उत्सुक हूं। MyGov, NaMo ऐप लिखे या 1800-11-7800 डायल करें और अपना संदेश भेजें। कार्यक्रम का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था। 

पीएम मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नजर आता है। जिन देशों में ये मूर्तियां चोरी करके ले जाई गईं थीं, अब उन्हें भी लगने लगा कि भारत के साथ रिश्तों में सॉफ्ट पावर का जो डिप्लोमैटिक चैनल होता है उसमें इसका भी बहुत बड़ा महत्व हो सकता है | क्योंकि इसके साथ भारत की भावनाएँ जुड़ी हुई हैं, भारत की श्रद्धा जुड़ी हुई हैं। कई मूर्तियों को भारत से तस्करी कर ले जया गया, विभिन्न देशों में बेचा गया। उन मूर्तियों को वापस लाना हमारी जिम्मेदारी थी। 2013 तक केवल 13 मूर्तियों को वापस लाया गया था, लेकिन 2014 के बाद भारत अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों से 200 से अधिक पिछली मूर्तियों को वापस लाया। 

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत युवा अपने तरीके से भारतीय भाषाओं के लोकप्रिय गीतों के वीडियो बना सकते हैं। जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही, मातृभाषा भी, हमारे जीवन को गढ़ती है। भारत भाषाओं के मामले में इतना समृद्ध है कि इसकी तुलना नहीं की जा सकती। हमें अपनी विविध भाषाओं पर गर्व होना चाहिए। आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है। भारत में विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल है और इस बात का हर भारतीय को गर्व होना चाहिए कि दुनिया की इतनी बड़ी विरासत हमारे पास है | उसी प्रकार से जितने पुराने धर्मशास्त्र हैं, उसकी अभिव्यक्ति भी हमारी संस्कृत भाषा में है। 

सेना में भी बेटियां अब नई और बड़ी भूमिकाओं में जिम्मेदारी निभा रही हैं और देश की रक्षा कर रही हैं | पिछले महीने गणतंत्र दिवस पर हमने देखा कि आधुनिक फाइटर प्लेन को भी बेटियां उड़ा रही हैं। बेटे और बेटियों को समान अधिकार देते हुए विवाह की उम्र समान करने के लिए देश प्रयास कर रहा है। इससे हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। आप एक और बड़ा बदलाव भी होते देख रहे होंगे। ये बदलाव है- हमारे सामाजिक अभियानों की सफलता।

शिवरात्रि के साथ त्योहार नजदीक आ रहे हैं, होली भी आने वाला में है। मैं सभी से 'वोकल फॉर लोकल' का पालन करने और स्थानीय बाजारों से खरीदारी करके त्योहार मनाने का आग्रह करता हूं। इन त्योहारों को धूमधाम से मनाएं लेकिन सतर्क रहना भी न भूलें।
 

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