वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। आज सर्वे का आखिरी दिन था और दावा है कि तीसरे दिन सबूत नहीं साक्षात भोलेनाथ ही ज्ञानवापी परिसर में मिल गए हैं। सर्वे टीम के मुख्य सदस्य सोहनलाल आर्य ने बाहर आकर कहा कि नंदी का 350 साल पुराना इंतजार खत्म हो गया है। हमारा देश नियम, कानून और संविधान से चलता है।
इस पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मूर्तियों की खोज के साथ हिंदू-मुस्लिम समझौते के लिए मंच तैयार है: सबसे अच्छा यह है कि मस्जिद को कहीं और बनाया जाए और ज्ञानी वापी विश्वनाथ मंदिर को उसके प्राचीन स्थल पर बहाल किया जाए। हमारे पास यह साबित करने के लिए औरंगजेब का फरमान है कि उसके आदेश पर मंदिर को तोड़ा गया था।
सर्वे के पहले दिन खंडित मूर्तियां, कमल आकृति और स्वास्तिक चिन्ह मिले, जबकि दूसरे दिन त्रिशूल की आकृति, खंबों पर नक्काशी और खंबों पर श्लोक मिले और तीसरे और आखिरी दिन जिस तालाब के पानी से वजू होता था, उसी तालाब के नीचे शिवलिंग भी मिल गया।
TIMES NOW नवभारत पर वजूखाने की पहली तस्वीर, ज्ञानवापी मस्जिद में मिला है शिवलिंग
ज्ञानवापी के सर्वे में जैसे ही मंदिर के साक्ष्य मिलने की बात हुई तो वाराणसी कोर्ट ने अपने ऑर्डर में लिखा कि जहां शिवलिंग प्राप्त हुआ है वहां की सुरक्षा CRPF करे, उस जगह को सील किया जाए। किसी को वहां जाने की इजाजत ना हो। उस जगह को सुरक्षित और संरक्षित करें। डीएम,कमिश्नर, सीआरपीएफ कमांडेंट को जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य सचिव और DGP को कार्रवाई का सुपरविजन करने को कहा गया है। इसके बाद डीएम ने यहां वजू पर भी पाबंदी लगा दी है।
वहीं AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विवादित बयान दिया है। ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक मस्जिद रहेगी।
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