पंजाब में दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर हमलावर हैं, मायावती ने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ मुसीबत में दलित याद आते हैं, मायावती ने कांग्रेस पर ये भी आरोप लगाया कि पार्टी को दलितों पर भरोसा नहीं है इसीलिए वो चन्नी के चेहरे पर पंजाब का चुनाव नहीं लड़ना चाहती।
हालांकि मायावती के इस हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुश्री मायावती जी ये घोषणा कर दें कि पंजाब में अकाली दल और बसपा का सीएम चेहरा दलित होगा, साथ ही कांग्रेस में ये भी साफ किया कि वो आगामी विधानसभा चुनाव चरणजीत चन्नी और सिद्धू दोनों के चेहरे पर लड़ेगी।
कांग्रेस चन्नी को सीएम बनाये जाने का जोर शोर से प्रचार कर रही है कि पार्टी ने एक दलित को सीएम बनाया है. लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है. कांग्रेस के इस फैसले और मायावती के हमले के सियासी मायने ज्यादा हैं।
पंजाब देश का ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा 32 फीसदी दलित मतदाता हैं, 6 महीने से कम वक्त में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते हर राजनीतिक पार्टी दलित वोट बैंक साधना चाहती है, बहुजन समाज पार्टी ने भी पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन कर रखा है। 97 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल तो 20 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी।
इस गठबंधन का मकसद भी पंजाब के दलित वोटों को अपने पाले में लाने का है, ऐसे में कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को सीएम बनाकर राजनीतिक बिसात में एक मजबूत चाल दी है, जिसकी काट बसपा सुप्रीमो मायावती खोज रही हैं क्योंकि उन्हें डर है कि दलित वोटर्स उनसे छिटक न जाएं।
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