MCD Amendment Bill 2022 लोकसभा में पास, अमित शाह बोले- यह बिल्कुल संवैधानिक बिल है

MCD Amendment Bill 2022 लोकसभा में पास हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि  यह बिल्कुल संवैधानिक बिल है। मुझे लगता है कि संविधान का फिर से अध्ययन करने की जरूरत है।

MCD Amendment Bill 2022 : This is absolutely a constitutional bill, Amit Shah said in Lok Sabha– cannot bring such a bill for Bengal, Gujarat, Maharashtra
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • अमित शाह ने कहा कि एमसीडी बिल 2022 बिल्कुल संवैधानिक है।
  • भारत सरकार को कानून लाने का अधिकार है।
  • साथ ही उन्होंने कहा कि हर पार्टी को अपनी विचारधारा, स्टैंड, कार्यक्रम और प्रदर्शन के साथ हर जगह जाना चाहिए। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।

MCD Amendment Bill 2022 : दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पर लोकसभा में जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि यह बिल संविधान के अनुसार है और यह बिल्कुल संवैधानिक बिल है। चूंकि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए भारत सरकार को इससे संबंधित कोई भी कानून लाने का अधिकार है। लोकसभा ने दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। विधेयक दिल्ली के तीन नगर निगमों को एक करने के लिए है।

गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों के अधिकारों को लेकर बातचीत हो रही है। सीएम केजरीवाल भी यही बोलते हैं। मैं महाराष्ट्र, गुजरात या बंगाल के लिए ऐसा बिल नहीं ला सकता। राज्यों में न तो मैं और न ही केंद्र ऐसा कर सकता है। लेकिन अगर आप राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के बीच अंतर नहीं जानते हैं, तो मुझे लगता है कि संविधान का फिर से अध्ययन करने की जरूरत है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान की धारा 239 AA के अनुसार संसद में निहित शक्तियों के भीतर है।

बंगाल में हिंसा पर अमित शाह ने कहा कि हम विपक्ष के कार्यकर्ताओं को मारकर सत्ता में नहीं आना चाहते। हम इसे हत्याओं की एक सीरीज के माध्यम से नहीं चाहते हैं। हम यह नहीं चाहते कि मजदूरों की पत्नियों और बहनों के साथ बलात्कार किया जाए। यह हमारी संस्कृति नहीं है।

सत्ता खोने का डर रखने वाले ही इस पर आपत्ति जता सकते हैं। लोकतंत्र के पैरोकार कभी इसका विरोध नहीं कर सकते। हम अपने कार्यक्रम, विचारधारा, अपने नेताओं की लोकप्रियता और अपने प्रदर्शन के आधार पर चुनाव लड़ना और जीतना चाहते हैं।

हर पार्टी को अपनी विचारधारा, स्टैंड, कार्यक्रम और प्रदर्शन के साथ हर जगह जाना चाहिए। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। यहां क्या आपत्तिजनक है? अगर कोई पार्टी सोचती है कि उसके उम्मीदवारों को उनकी विचारधारा और लोकप्रियता के आधार पर सत्ता के लिए चुना जाना चाहिए, तो इसमें आपत्तिजनक क्या है?
 

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