नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दो समूहों में झड़प से शुरू हुई हिंसक घटनाओं पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है। विदेश मंत्रालय ने ओआईसी की प्रतिक्रिया को तथ्यात्मक रूप से गलत व गुमराह करने वाला करार दिया है। साथ ही ओआईसी सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय समूहों से भी अपील की कि वे इस तरह के गैर-जिम्मेदारी वाले बयान नहीं दें।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'ओआईसी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और गुमराह करने वाला है। सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए और लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए भी जमीनी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। हम ऐसे समूहों से अपील करत हैं कि वे इस तरह के गैर-जिम्मेदारी वाले बयान न दें।' विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया ओआईसी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उसने दिल्ली हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए इसमें एक खास समुदाय के साथ कथित भेदभाव को लेकर टिप्पणी की।
'यह जांच का विषय'
दिल्ली हिंसा से पर रवीश कुमार ने कहा, 'निश्चित रूप से यह जांच का विषय है कि ऐसा क्यों हुआ। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि पुलिस व प्रशासन जमीनी स्तर पर अपना काम कर रहा है। वे हालात को सामान्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से शांति व भाईचारे की अपील की है।' उन्होंने यह भी कहा कि कुछ एजेंसियाओं और व्यक्तियों के बयानों का भी संदर्भ देते हुए कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना रवैये से बचा जाना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या के समाधान की बजाय उलझन और बढ़ेगी।
हिंसा में 35 ने गंवाई जान
यहां उललेखनीय है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सीएए को लेकर भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इसकी शुरुआत रविवार को ही हुई जब सीएए का विरोध करने वाले लोग और सीएए के समर्थक आपस में उलझ गए थे। इसके बाद भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों को भी आग लगा दी और जमकर लूटपाट की। हिंसक घटनाओं में हालांकि कमी आई है, पर यहां अब भी तनाव साफ महसूस किया जा सकता है।
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