विदेश मंत्रालय का विपक्ष को जवाब-यूरोपीय सांसदों के दौरे से कश्मीर का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं हुआ

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Updated Oct 31, 2019 | 18:35 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

MEA spokerperson Raveesh Kumar : विपक्ष ने सांसदों के इस दौरे को कश्मीर पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप बताते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की है।

MEA spokesperson Raveesh Kumar says EU MPs’ visit to J&K not ‘internationalisation’ of Kashmir issue
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार। 

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 'यूरोपीय संसद के सांसदों का दौरा इस तरह का नहीं था कि इससे कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो और यह जरूरी नहीं है कि इस तरह के शिष्टमंडल को आधिकारिक माध्यम से आने की जरूरत पड़े।' यूरोपीय संसद के 23 सांसदों के कश्मीर दौरे पर विपक्ष के सवालों का विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जवाब देते हुए यह बात कही। विपक्ष ने सांसदों के इस दौरे को कश्मीर पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप बताते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की है। प्रवक्ता ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह के दौरे से व्यापक राष्ट्रीय हित की पूर्ति हुई कि नहीं।

रवीश कुमार ने कहा, 'जहां तक यूरोपीय सांसदों के भारत दौरे का प्रश्न है, तो यह बात भारत सरकार के ध्यान में लायी गई थी कि यह शिष्टमंडल भारत आ रहा है। दौरे पर आने वाले यूरोपीय संसद के सांसद भारत के बारे जानने के लिए तीव्र इच्छा जताई थी। यह दौरा परिचय बढ़ाने जैसा था।'

बता दें कि यूरोपीय सांसद के भारत दौरे की व्यवस्था दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाइंड स्टडीज ने की और इस संस्था का विदेश मंत्रालय में प्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, 'हमारा मानना है कि इस तरह के दौरे से लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ता है। इस दौरे से कहीं से भी कश्मीर का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं हुआ।'

उन्होंने कहा, 'दौरे में शामिल सांसद अलग-अलग देशों एवं विभिन्न विचारों वाले थे। वे अलग-अलग राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखते हैं। इस तरह की व्यवस्था पहले भी कई बार की जा चुकी है।' यूरोपीय संसद के 23 सदस्यों का दो दिवसीय कश्मीर दौरा बुधवार को समाप्त हुआ। शिष्टमंडल ने एक संवाददाता में कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना, भारत का आंतरिक मामला है और वे आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं।

यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे पर सरकार पर सवाल उठाते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'दिल्ली के मीडिया को कश्मीर जाने की इजाजत नहीं है। सांसदों को वहां जाने की अनुमति नहीं है। यहां तक कि स्थानीय नेताओं को कश्मीर में या उसके बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने नहीं दिया गया है लेकिन ईयू के सांसदों खासतौर से दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेताओं का कश्मीर दौरा प्रायोजित किया जा रहा है। इस सबके पीछे सरकार है।'
  

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