श्रीनगर: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आतंकियों के लिए फंडिंग जुटाने के मामले में दोषी पाया गया है और अब से कुछ देर बाद एनआईए की स्पेशल कोर्ट उसकी सजा का का ऐलान करेगी। यासिन को उम्र कैद या फांसी की सजा हो सकती है। यासिन ने कोर्ट में खुद अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि उस पर लगे आरोप सही है। इस बीच यासिन मलिक के बचाव में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आ गई है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यासिन मलिक ने एक समय बंदूक छोड़ने से इंकार कर दिया था।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'यासीन मलिक जब जेल में था तो तब मुफ्ती सईद गृह मंत्री थे। उन्होंने मलिक को एक संदेश भेजा कि बंदूक बंद करो, मैं गृह मंत्री हूं और वीपी सिंह मेरे दोस्त हैं जिन्हें कश्मीरियों के प्रति सहानुभूति है। आज़ादी के सिवा जो तुम चाहोगे, मुफ्ती तुम्हें दे देंगे। वह और क्या कह सकते थे? लेकिन यासिन मलिक यह कहते हुए मना कर दिया कि बंदूक जारी रखनी है और हम कोई बातचीत नहीं चाहते। वाजपेयी के समय में मुफ्ती ने फिर से बातचीत शुरू की।'
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'समय आएगा जब हमें एक कश्मीरी की तलाश करनी होगी। हमारे यहां कश्मीरी पंडित थे लेकिन आज मेरे बच्चे मुझसे पूछते हैं कि ये पंडित कौन हैं और वे कैसे दिखते हैं क्योंकि वे गायब हो रहे हैं और उनकी संख्या कम हो गई है। इसी तरह, अगर हम दृढ़ नहीं रह सके तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। किसानों से जमीन छीनी जा रही है, युवाओं से नौकरियां छीनी जा रही है।हमारे यहां 10 लाख सैनिक हैं, वो भी तब जब कोई पथराव नहीं किया जा रहा है या बंद नहीं बुलाया जा रहा है।
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