राजस्थान फोन टेपिंग मामले में गृह मंत्रालय एक्टिव,  राज्य के प्रमुख सचिव से मांगी रिपोर्ट

देश
किशोर जोशी
Updated Jul 18, 2020 | 23:25 IST

राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम में लगातार नए-नए मोड़ सामने आ रहे हैं। अब फोन टेपिंग मामले में सरकार ने राज्य के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी है।

Ministry of Home Affairs has sought a report from Rajasthan’s Chief Secretary over the phone tapping issue
राजस्थान फोन टेपिंग मामले में गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट 
मुख्य बातें
  • राजस्थान के सियासी घटनाक्रम में लगातार आ रहे हैं नए मोड़
  • फोन टेपिंग के मामले में गृह मंत्रालय ने राज्य के प्रमुख सचिव से मांगी रिपोर्ट
  • भाजपा और कांग्रेस मामले को लेकर लगातार एक दूसरे पर हैं हमलावर

नई दिल्ली: राजस्थान में चल रही रस्साकशी के बीच अब केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों की मानें तो गृह मंत्रालय ने राजस्थान में फोन टेपिंग के मामले में राज्य के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे निजता का हनन बताया था। खबरों की मानें तो इस कथित फोन टेपिंग मामले पर गृह मंत्रालय भी कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

कांग्रेस ने लगाया था आरोप

दरअसल राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कुछ ऑडियो क्लिप सामने आए हैं। इस टेप का हवाला देकर कांग्रेस ने राजस्थान में सरकार गिराने के लिए खरीद फरोख्त की कोशिश होने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने गहलोत सरकार को गिराने की कथित साजिश से जुड़े आडियो टेप सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के बागी विधायक को गिरफ्तार करने की मांग की थी। वहीं केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन क्लिप में उनकी आवाज नहीं है। उन्होंने कहा कि वह जांच का सामना करने को तैयार हैं।

बीजेपी का पलटवार
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए इस घटनाक्रम को झूठ और फरेब की कथा करार दिया था। भाजपा  प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजस्थान में कांग्रेस की राजनीतिक नौटंकी हम देख रहे हैं। षड्यंत्र, झूठ फरेब और कानून को ताक पर रखकर कैसे काम किया जाता है, यह उसका मिश्रण है। क्या राजस्थान में फोन टैपिंग की जा रही थी और क्या यह आधिकारिक स्तर पर की जा रही थी ? क्या मानक प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन हुआ ? क्या फोन टैपिंग इत्यादि की गयी? क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? इसे लेकर सीबीआई द्वारा तत्काल जांच होनी चाहिए।’

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