हिन्दुस्तान के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का, मोदी को हराने के लिए कांग्रेस का पुराना राग? 

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के अल्पसंख्यक वाले बयान के बाद हंगामा मच गया। गुजरात में कांग्रेस के अहमदाबाद दफ्तर के बाहर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने हज हाउस लिख दिया। अब सवाल उठता है कि देश के संसाधन पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है? 

Minorities have the first right on India's resources, Congress's old rage to defeat Modi?
मोदी से मुकाबले के लिए फिर वही 'हिंदू-मुसलमान' ?  

आज राष्ट्रवाद की शुरुआत सवालों से करते हैं, और सवाल ये है कि ये देश किसका है, हिंदुओं का, मुसलमानों का, ईसाइयों का या फिर सिखों का। मेरा जवाब है कि ये किसी धर्म या जाति का नहीं बल्कि 130 करोड़ हिदुस्तानियों का देश है। जब ये देश 130 करोड़ लोगों का है तो इसके संसाधन पर पहला हक किसी एक समुदाय या फिर एक वर्ग कैसे हो सकता है। कोई ये कैसे कह सकता है कि देश की संसाधन पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। राष्ट्रवाद में ये सवाल मैं आपके बीच इसलिए लेकर आया हूं कि क्योंकि गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा है कि देश के संसाधन पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। 

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के इस बयान के बाद हंगामा मच गया। गुजरात में कांग्रेस के अहमदाबाद दफ्तर के बाहर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने हज हाउस लिख दिया, दफ्तर के बाहर ही हज हाउस लिखे हुए पोस्टर लगा दिए। अहमदाबाद में हिंदू संगठनों के नेताओं ने जगदीश ठाकोर के इस बयान के विरोध में प्रदर्शन भी किया। 

जो बात जगदीश ठाकोर ने कही, उसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने अपने बयान में ये साफ किया कि देश की संसाधन पर पहला हक कांग्रेस का है, ये बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कही थी और इसी विचारधारा पर कांग्रेस आज भी कायम है। भले ही इस वजह से कांग्रेस को नुकसान होता रहे। दरअसल मनमोहन सिंह ने 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में कहा था कि समाज के सभी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों विशेषकर मुसलमानों को विकास के लाभ में बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनका सशक्तिकरण किए जाने की ज़रूरत है। देश के संसाधनों पर पहला हक़ उन्हीं का है।'

मनमोहन सिंह की बात को गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने आगे बढ़ाया तो गुजरात कांग्रेस के ही कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवानी ने भी मुसलमानों को रिझाने की कोशिश की। अब सवाल ये है कि अचानक कांग्रेस को फिर से मुस्लिमों की याद क्यों आई गई। क्या ये राष्ट्रपति चुनाव का इफेक्ट है। जहां 17 सांसद और 126 विधायकों ने NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए क्रॉस वोटिंग की। एक तरफ तो कांग्रेस अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रही है दूसरी तरफ वो मुस्लिम वोटों की राजनीति कर रही है। वो भी तब जब कांग्रेस नेता खुद कह रहे हैं कि उन्हें नुकसान हो रहा है। 

इसलिए आज राष्ट्रवाद कुछ अहम सवालों पर हम बात करेंगे
- हिन्दुस्तान की तिजोरी पर पहला हक़ माइनॉरिटी का ?
- राष्ट्रपति चुनाव में बिखरे विपक्ष का मुस्लिम कार्ड निकल आया ?
- मोदी को हराने के लिए कांग्रेस का वही पुराना अल्पसंख्यक राग? 
- मोदी बोले सबका साथ, कांग्रेस के लिए सब पहले मुसलमान क्यों?
- राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट का इफेक्ट..'हज हाउस' कांड ? 

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