सलेम (तमिलनाडु) : द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से रविवार को ऐसा ही एक गठबंधन बनाने का आग्रह किया जैसा उनकी पार्टी की अगुवाई में तमिलनाडु में है और केंद्र सरकार पर राज्य पर ‘रसायनिक’ तथा ‘सांस्कृतिक’ हमला करने का आरोप लगाया। छह अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने आरोप लगाया कि "सांप्रदायिक, फासीवादी" ताकतों के कारण भारत का ‘दम घुट’ रहा है और राहुल गांधी पर इससे देश को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी है।
यहां हुई रैली ऐसी पहली सभा थी जिसमें द्रमुक नीत धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन के सभी घटकों ने हिस्सा लिया जिनमें कांग्रेस के राहुल गांधी भी शामिल हैं।
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक भाजपा, पीएमके, पूर्व केंद्रीय मंत्री जीके वासन की तमिल मनीला कांग्रेस (मूपानार) एवं अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है।
स्टालिन ने कहा कि भाजपा 2019 के संसदीय चुनावों में तमिलनाडु से लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत सकी क्योंकि द्रमुक की अगुवाई में सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां साथ आ गई थीं।
उन्होंने यह भी कहा कि द्रमुक नीत धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन के मद्देनजर विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। उन्होंने ओपिनियन पोल का हवाला देकर यह दावा किया।
स्टालिन ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल 37 फीसदी वोट मिले, जिसका मतलब है कि शेष 63 फीसदी लोगों ने उसके खिलाफ मत दिया लेकिन उन्होंने अलग-अलग पार्टियों को वोट दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भगवा पार्टी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन नहीं था जैसा तमिलनाडु में था।
द्रमुक प्रमुख ने कहा कि इसलिए राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को इस तरह के गठबंधन को बनाने की दिशा में तुरंत प्रयास करने चाहिए। राहुल गांधी को भाई संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि उन्हें ‘सर’ कह कर न पुकारा जाए।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 लोकसभा चुनाव में सात राष्ट्रीय दलों को 69 फीसदी वोट हासिल हुए जिनमें भाजपा को 37.76 प्रतिशत, कांग्रेस को 19.7 फीसदी, माकपा को 1.77 प्रतिशत व भाकपा को 0.59 फीसदी मत मिले थे।
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना, हाइड्रोकार्बन, मीथेन निकालने की परियोजनाओं समेत अन्य का हवाला देकर स्टालिन ने केंद्र पर ‘रसायन’ हमला करने का आरोप लगाया।
द्रमुक प्रमुख ने हिंदी व संस्कृत को ‘थोपने’, राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा, तमिलनाडु में उत्तरी राज्यों के लोगों को भर्ती करने का हवाला देकर ‘सांस्कृतिक’ हमले का आरोप लगाया।
स्टालिन ने पहली बार यह आरोप लगाया कि द्रमुक संरक्षक एम करूणानिधि को चेन्नई के मरीना तट पर दफन करने के लिए केंद्र की ओर से कोई मदद नहीं मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं ने उनके पिता करूणानिधि के निधन पर 2018 में शोक व्यक्त किया था जिनमें अमित शाह और निर्मला सीतारमण शामिल थी।
स्टालिन ने दावा किया कि जब उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें कोई मदद चाहिए तो उन्हें बताया गया कि द्रमुक ने अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाली तमिलनाडु सरकार से मरीना तट पर स्थान आवंटित करने की गुजारिश की है ताकि अपने प्रिय नेता को वहां पर दफन कर सकें और इसके लिए मदद मांगी।
स्टालिन ने दावा किया कि तमिलनाडु सरकार ने इजाजत नहीं दी, केंद्र सरकार ने कोई पहल नहीं की और मोदी ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। करुणानिधि का सात अगस्त 2018 को निधन हो गया था और उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय में मामला जाने के बाद मरीना तट पर दफन किया गया था।
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