नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह मोदी सरकार न सिर्फ संसद में सवालों से डरती है, बल्कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और आरटीआई का जवाब देने से से घबराती है। वो मोदी का निजी फंड हो या अपनी डिग्री दिखाने की बात। इस सरकार की सभी असंवैधानिक नीतियों और असंवैधानिक कदमों का विरोध जारी रहेगा।
दरअसल, न्यूज एजेंसी PTI की खबर के अनुसार, दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंटरी फिल्मकार राहुल रॉय के नाम सह-साजिशकर्ताओं के रूप में दर्ज किए हैं।
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए येचुरी ने कहा, 'दिल्ली पुलिस भाजपा की केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है। उसकी ये अवैध और गैर-कानूनी हरकतें भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेत्रत्व के चरित्र को दर्शाती हैं। वो विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं, और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं। हमारा संविधान हमें न सिर्फ CAA जैसे हर प्रकार के भेद भाव वाले कानूनों के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है। हम विपक्ष का काम जारी रखेंगे। BJP सरकार अपनी हरकतों से बाज आए। Emergency को हमने हराया था। इस आपातकाल से भी निपटेंगे।
येचुरी ने कहा कि 56 लोग दिल्ली की हिंसा में मारे गए। जहरीले भाषणों का video है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि सरकार ने आदेश दिया है कि विपक्ष को लपेटा जाए, किसी भी तरह से। यही है मोदी और BJP का असली चेहरा, चरित्र, चाल और चिंतन। विरोध तो होगा इसका।
वहीं योगेंद्र यादव ने इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत रिपोर्ट है। अनुपूरक चार्जशीट में मुझे सह-साजिशकर्ता के रूप में या आरोपी के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है। पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि मामले में आरोपियों के खुलासे के बयानों की रिकॉर्डिंग के दौरान ये नाम सामने आए थे। इसलिए अभी तक वे चार्जशीट के अनुसार सह-साजिशकर्ता नहीं हैं।
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