न पर्चा, न तख्ती...संसद में अब धरना मनाः CPIM बोली- ये 'तानाशाही' आदेश, महुआ का तंज- बापू की मूर्ति ही क्यों नहीं हटा देते?

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 16, 2022 | 07:45 IST

Monsoon Session 2022: दरअसल, संसद में किसी भी तरह के धरने की अनुमति न दिए जाने से जुड़े बयान की जानकारी गुरुवार शाम संसदीय बुलेटिन के जरिए दी गई थी। इस पर विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया था।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • 18 जुलाई, 2022 से शुरू होने वाला है संसद का मॉनसून सत्र
  • सदन में पूर्व में कई घटनाएं आ चुकी हैं सामने, जिनमें विपक्षी सदन में तख्तियां संग देखे गए
  • LS में चर्चा व पारित करने के लिये दो दर्जन नए विधेयक होंगे पेश

Monsoon Session 2022: संसद के मॉनसून सत्र से पहले इस बार सदस्यों को सदन में किसी भी तरह के पर्चे-लीफलेट (पत्रक) या फिर तख्तियों को बांटने से बचने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई है। 

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी की गई इस सलाह में कहा गया है, "स्थापित परंपरा के अनुसार कोई भी साहित्य, प्रश्नावली, पर्चे, प्रेस नोट, पत्रक या छपा हुआ या अन्यथा कोई भी मामला माननीय अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना सदन के परिसर में नहीं वितरित किया जाना चाहिए। संसद भवन परिसर के अंदर तख्तियां भी सख्त वर्जित हैं।"

ध्यान देने वाली बात है कि यह एडवाइजरी ऐसे वक्त पर आई है, जब विपक्षी दलों ने संसद परिसर में प्रदर्शन और धरना देने की अनुमति न दिए जाने की एडवाइजरी पर भारी हंगामा किया।
 
सांसदों को दी जाने वाली सलाह के मुताबिक, "सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से सदन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।"

दरअसल, इससे पहले ऐसे कई घटनाएं-उदाहरण आए हैं, जब विपक्ष के सदस्यों को अपनी सीटों के साथ संसद के वेल में भी तख्तियां पकड़े हुए देखा गया था और जिसने लगातार दोनों सदनों में स्पीकरों/अध्यक्षों का गुस्सा खींचा था। 

राज्यसभा में बेहद खराब दृश्य देखे गए हैं। हाल के कुछ सत्रों में जब संसद के सदस्य पूरी कार्यवाही के दौरान तख्तियों को थामे रहे और कई मौकों पर उन्होंने तख्तियां और पर्चे फाड़कर कुर्सी पर फेंक दिए थे।  

उधर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इसे "तानाशाही" आदेश करार देते हुए इसकी आलोचना की है। साथ ही केंद्र सरकार से इन्हें फौरन वापस लेने की अपील की है।

मॉनसूत्र सत्र में दो दर्जन बिल होंगे पेश 
18 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में सरकार लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए दो दर्जन नए बिल पेश करेगी। इसमें वन संरक्षण संशोधन विधेयक, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक, परिवार अदालत संशोधन विधेयक व राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने से जुड़े विधेयक हैं।

लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान सरकार 24 नए विधेयकों के अलावा चार ऐसे विधेयक भी पेश करेगी, जिस पर संसद की स्थाई समितियों ने विचार किया है। सत्र के दौरान भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 फिर से पेश किया जायेगा। पहले, इस विधेयक को एक अप्रैल 2022 को पेश किया गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ) 

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