कोरोना महामारी के बीच धीरे धीरे पाबंदियों को हटाया जा रहा है। लेकिन इन सबके तीसरी लहर की भी आशंका पहले की तरह ही जतायी जा रही है। तीसरी लहर कब दस्तक दे सकती है और किस महीने में यह अपने उच्चतम स्तर पर होगी इस सबंध में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने तथ्यों के आधार पर गणना की और बताया कि अगर सभी तरह के प्रतिबंधों को अगस्त के मध्य तक हटाया गया तो अक्टूबर में कोरोना अपने पीक पर होगा। इसके साथ ही उन्होंने 60 से 65 हजार केस प्रतिदिन आने की संभावना जता चुके हैं।
अक्टूबर में चरम पर पहुंच सकती है तीसरी लहर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि कोविड की तीसरी लहर को लेकर एक महीने पहले किए गए आकलन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगस्त के मध्य तक सभी पाबंदियां हटा ली गईं तो अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच सकती है। अगर वायरस का रूप नहीं बदलता है, तो हर दिन अधिकतम 60-65 हजार मामले आने की उम्मीद है। दूसरी ओर, अगर केरल में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं, तो अगस्त के मध्य में 25 हजार मामलों के साथ चरम पर होगा।
हर्ड इम्यूनिटी के बारे में है यह विचार
वायरस के मूल रूप में, 65 प्रतिशत आबादी को हर्ड इम्यूनिटी के तौर पर माना जाता है। लेकिन डेल्टा वेरियंट के संक्रमण के बाद हर्ड इम्युनिटी 75 प्रतिशत मानी गई। भारत 70 फीसदी के करीब पहुंच गया है। लिहाजा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर पहले से हल्की होगी। वायरस के नए रूप आने पर हर्ड इम्युनिटी घटकर 80 प्रतिशत हो जाएगी। इसके अलावा टीकाकरण भी एक बड़ा कारक है।
दिसंबर तक वैक्सीनेशन का एक डोज जरूरी
टीकाकरण की वर्तमान गति पर उन्होंने कहा कि यह उत्पादन पर निर्भर करता है। वैक्सीन विकसित करने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं। अगस्त-सितंबर में क्रमश: 18 करोड़ और 25-30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगी। उम्मीद है कि दिसंबर तक वयस्कों को टीके की कम से कम एक खुराक मिल जाएगी।
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