NFHS: भारत में पहली बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या हुई अधिक, कुल प्रजनन दर में आई गिरावट

देश
किशोर जोशी
Updated Nov 25, 2021 | 10:29 IST

National Family and Health Survey: NFHS-5 में साल 2019-20 के दौरान हुए सर्वेक्षण के डेटा को एकत्र किया गया। इस दौरान कई अहम बातें सामने निकलकर आई हैं।

More women than men in India for the first time, revealed in National Family and Health Survey
भारत में पहली बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनएफएचएस-5 चरण II के निष्कर्ष किए जारी
  • सर्वे में ये भी कहा गया है कि प्रजनन दर (Fertility Rate) में आई है कमी
  • केरल और तमिलनाडु भारत के ऐसे राज्य हैं जहाँ प्रजनन दर में हुई मामूली बढोत्तरी

नई दिल्ली: भारत की जनसंख्या में कुल प्रजनन दर (TFR) में गिरावट आयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़े जारी किए।  कुल प्रजनन दर (टीएफआर), राष्ट्रीय स्तर पर प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी चरण-II राज्यों ने प्रजनन क्षमता का प्रतिस्थापन स्तर (2.1) हासिल कर लिया है। बड़े राज्यों में, अब केवल तीन राज्य- बिहार (3.0), उत्तर प्रदेश (2.4) और झारखंड (2.3) हैं जहां टीएफआर प्रतिस्थापन स्तर से ऊपर है।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या में वृद्धि

National Family and Health Survey के मुताबिक देश में पुरुषों के मुकाबले अब महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई है. सर्वे के ताज़ा आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में अब 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं। वर्ष 2005-06 में के दौरान हुए तीसरे NHFS सर्वे में ये आंकड़ा 1000-1000 के साथ बराबर हो गया। इसके बाद 2015-16 में चौथे सर्वे में इन आंकड़ों में फिर आई तब 1000 पुरुषों के मुकाबले 991 महिलाएं थीं।

2019-21 में NFHS-3 और नवीनतम NFHS-5 के बीच, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे कुछ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों के कुल प्रजनन दर (TFR) में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है  जिसने भारत की समग्र दर को प्रतिस्थापन स्तर से कम करने में मदद की है।एनएफएचएस-5 सर्वेक्षण कार्य देश के 707 जिलों (मार्च, 2017 तक) के लगभग 6.1 लाख नमूना परिवारों में किया गया है, जिसमें जिला स्तर तक अलग-अलग अनुमान प्रदान करने के लिए 724,115 महिलाओं और 101,839 पुरुषों को शामिल किया गया। 

राज्यों का हाल

एनएफएचएस -5 का पहला चरण 17 जून, 2019 से 30 जनवरी, 2020 तक और दूसरा चरण  2 जनवरी, 2020 से 30 अप्रैल, 2021 तक आयोजित किया गया था। दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वेक्षण किया गया, वे हैं अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रदिल्ली, ओडिशा, पुद्दुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। पहले चरण में शामिल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में एनएफएचएस-5 के निष्कर्ष दिसंबर, 2020 में जारी किए गए थे।

कश्मीर में सबसे अधिक गिरावट

बड़े राज्यों में सबसे कम प्रजनन दर जम्मू-कश्मीर में 1.4 है। यह वह राज्य भी है जिसने 2015-16 में पिछले एनएफएचएस सर्वेक्षण और नवीनतम के बीच प्रजनन दर में सबसे अधिक 0.6 की गिरावट दर्ज की गई है। बड़े राज्यों में, केरल और पंजाब में एनएफएचएस -4 में सबसे कम प्रजनन दर 1.6 थी। हालाँकि, जबकि पंजाब की प्रजनन दर समान बनी हुई है, केरल और तमिलनाडु भारत के ऐसे राज्य हैं जहाँ प्रजनन दर 2019-21 के सर्वेक्षण में मामूली रूप से बढ़कर 1.8 हो गई।

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