बेटे को हुआ कोरोना और मां ने चुपके से 'प्यार की निशानी' भेज दी अनाथालय, बताया- हो गई उसकी मौत

देश
किशोर जोशी
Updated Dec 24, 2020 | 08:42 IST

गुजरात के खेड़ा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। एक कोविड पॉजिटिव शख्स की मां ने उसकी बेटी (कोविड पॉजिटिव शख्स की) को अनाथलय भेज दिया।

Mother of COVID positive man sends his love child to orphanage in Gujarat
बेटे को हुआ कोरोना, मां ने 'प्यार की निशानी' भेज दी अनाथालय 
मुख्य बातें
  • गुजरात के खेड़ा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है
  • कोविड पॉजिटिव बेटे की मां ने 'प्यार की निशानी' को भेज दिया अनाथालय, बताया- हो गई उसकी मौत
  • बेटे को मां पर हुआ शक और खुद ही बेटी की तलाश में जुटकर पाई सफलता

अहमदाबाद: गुजरात के खेड़ा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक महिला ने अपने कोविड ​​-19 पॉजिटिव बेटे की 'प्यार की निशानी' को बिना बताए एक अनाथालय में भेज दिया। दो सप्ताह के बाद जब महिला के बेटे को अस्पताल से छुट्टी मिली तो उसकी मां ने बेटे को बताया कि उसकी बेटी की बीमार होने की वजह से मौत हो गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने बच्ची को उस समय एक अनाथालय को सौंप दिया जब उसका बेटा अस्पताल में भर्ती था।

हाईकोर्ट पहुंचा मामला

इस बीच, गुजरात उच्च न्यायालय ने अनाथालय को बेटी को उसके पिता को वापस करने का निर्देश दिया है। मामला खेड़ा जिले के एक विवाहित व्यक्ति से संबंधित है जिसके अहमदाबाद में एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध थे। 35 वर्षीय व्यक्ति की प्रेमिका ने इस साल जुलाई में एक लड़की को जन्म दिया। बाद में, महिला बच्चे की कस्टडी शख्स को देने को तैयार हो गई।

बेटे की मां ने किया था गुमराह

कुछ समय पहले वह शख्स अपनी पत्नी के साथ खेड़ा के घर में 'प्यार की निशानी' लेकर आए। कुछ दिनों के बाद, उस व्यक्ति को कोविड हो गया जिसकी वजह से उसे एक अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अस्पताल से लौटने के बाद, उस व्यक्ति की मां ने उसे बताया कि तबियत खराब होने के कारण उसकी बच्ची की मौत हो गई थी। हालांकि, उस व्यक्ति को अपनी मां की बातों पर विश्वास नहीं हुआ और उसने अपनी बेटी की तलाश शुरू कर दी।

बेटे ने खोजबीन कर लगाया पता

 काफी खोजबीन के बाद शख्स ने अपनी बेटी को खोज निकाल और पता चला कि उसकी मां ने बच्ची को अहमदाबाद के महिपतराम रूपराम आश्रम भेज दिया था। जब वह आदमी आश्रम पहुंचा तो आश्रम के अधिकारियों ने उसे बच्चे की कस्टडी पाने के लिए एक पुलिस से संपर्क करने को कहा। जब पुलिस से कोई मदद नहीं मिली, तो उस आदमी ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। डीएनए रिपोर्ट की जांच करने के बाद, अदालत ने अनाथालय को बच्ची की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया।

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