मुंबई: फ्लैटों और मकानों में अब भेड़ और बकरियों की स्लाटरिंग नहीं की जा सकेगी। इस बाबत मुंबई हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी किया है। कोर्ट ने बकरीद पर सभी फ्लैटस और मकानों में भेड़ और बकरियों के स्लाटरिंग पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति सत्यरंजन धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की डबल बेंच ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को फ्लैटों और मकान के अंदर स्लाटरिंग के लिए ऐसी अनुमति देने से रोक दिया है।
1 किलोमीटर की दूरी पर हो स्लाटरिंग हाउस
पीठ ने निगम को हाउसिंग सोसाइटियों में जानवरों के स्लाटरिंग के लिए स्वीकृति देने की अनुमति दी, लेकिन अदालत ने कहा कि ऐसा तभी संभव हो जब, स्लाटरिंग स्पेस सामुदायिक स्थान से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हो। अदालत ने कहा,'हमारे विचार में सार्वजनिक सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से निजी फ्लैटों के अंदर स्लाटरिंग की अनुमति देता संभव नहीं है।'
फ्लैटों के भीतर स्लाटरिंग पर लगाई रोक
इसके साथ ही पीठ ने कहा,'मुंबई जैसे घने और भीड़भाड़ वाले शहर में ,जहां आवासीय अपार्टमेंट छोटे हैं, हमें विश्वास नहीं है कि फ्लैट के भीतर मानव की सुरक्षा और स्वच्छत्ता के लिहाज से स्लाटरिंग के तरीकों की प्रभावी व्यवस्था करना संभव है। इनमें से कई फ्लैट बहुत पुराने या नए हैं। हम मानते हैं कि ये चिंताएं दूसरों पर हावी हैं।' पीठ ने आगे कहा,'हम आवासीय फ्लैटों या मकान के भीतर सभी तरह की स्लाटरिंग पर रोक लगाते हैं।'
अदालत ने बीएमसी को सुरक्षा, स्वच्छत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा मानदंडों की आवश्यकताओं को सख्ती से लागू करने को कहा है। इसके साथ ही पीठ ने बीएमसी को किसी भी तरह के उल्लंघनों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि कोर्ट जीव मैत्री ट्रस्ट और विनियोग परिवार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जीव मैत्री ट्रस्ट और विनियोग परिवार ने बकरीद में भेड़ और बकरियों के स्लाटरिंग के लिए अस्थाई एनओसी देने की बीएमसी की नीति को चुनौती दिया था।
शहर के प्रवेश मार्ग पर हो जांच
इससे पहले बेंच ने कहा था कि त्योहार के मौके पर शहर के सभी प्रवेश मार्ग, टोल प्वाइंट, फ्रीवे और ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस राजमार्ग को चेक किया जाए। बेंच ने कहा,'अगर इस तरह के कदम उठाए जाएंगे तो, जो व्यपारी स्लाटरिंग करने के लिए वाहन में जानवार ले आकर आते हैं, उनकी पहचान की जा सकेगी। फिर एक सूची पुलिस और बीएमसी को दी जा सकेगी,ताकि इस तरह के मामलों में कार्रवाई की जा सके। इस तरह के कदम अगर उठाए जाएगें तो वह आर्दश साबित हो सकते हैं।'
इसके बाद पीठ ने कहा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है। वहीं पीठ ने कहा,'वह अस्थाई तौर पर अनुमति देने का मामला केस की आखिरी सुनवाई के दिन देगा।'
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