किसी भी सूरत में लागू ना हो समान नागरिक संहिता, मोहम्मद साहब के खिलाफ बोलने वालों के लिए बने कानून: AIMPLB

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Updated Nov 21, 2021 | 18:49 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ करार देते हुए रविवार को सरकार से कहा कि वह इस संहिता को किसी भी सूरत में लागू नहीं करे ।

Muslim Personal Law Board says Uniform Civil Code should not be applicable in any case
किसी भी सूरत में लागू ना हो समान नागरिक संहिता: AIMPLB  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बोला- समान नागरिक संहिता असंवैधानिक, ना हो लागू
  • पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के लिए बने कानून- AIMPLB
  • मौलाना राबे हसनी नदवी को एक बार फिर चुना गया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष

कानपुर: केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद अब अन्य कानूनों के खिलाफ भी आवाज उठने लगी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से आग्रह किया किया कि वह समान नागरिक संहिता को किसी भी सूरत में लागू ना करे। पर्सनल लॉ बोर्ड ने संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ करार दिया है। बोर्ड ने इसके साथ ही पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है।

समान नागरिक संहिता की खिलाफत

पीटीआई के मुताबिक, बोर्ड ने रविवार को यहां अपने 27वें सार्वजनिक जलसे के दूसरे और अंतिम दिन पारित एक प्रस्ताव में समान नागरिक संहिता को संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ करार देते हुए सरकार से यह भी कहा है कि वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तथा आंशिक या पूर्ण रूप से ऐसी कोई संहिता लागू न करे। बोर्ड ने प्रस्ताव में कहा कि हिंदुस्तान में अनेक धर्मों और रवायत के मानने वाले लोग रहते हैं। ऐसे में समान नागरिक संहिता इस देश के लिए कतई उपयुक्त नहीं है। ऐसी संहिता लागू करने की दिशा में उठाया जाने वाला कोई भी कदम हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।

पैंगबर के खिलाफ टिप्पणी करने वालों के लिए कानून की मांंग

बोर्ड ने हाल में पैगंबर मोहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए भविष्य में ऐसे लोगों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए एक कानून बनाने की मांग की है। प्रस्ताव में कहा गया है इस्लाम सभी धर्मों और उनके आराध्यों का आदर करता है, मगर हाल में पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं लेकिन उससे भी ज्यादा अफसोस की बात यह है कि सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

महिला सुरक्षा के लिए कानून बने

बोर्ड ने सरकार तथा न्यायपालिका से आग्रह किया है कि वे धार्मिक कानूनों और पांडुलिपियों का अपने हिसाब से व्याख्या करने से परहेज करें। बोर्ड ने दहेज हत्या समेत महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के साथ-साथ विवाह में उनकी सहमति नहीं लिए जाने के चलन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून बनाने और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

कानपुर में बोर्ड के 27वें सालाना जलसे के पहले दिन शनिवार को मौलाना राबे हसनी नदवी को एक बार फिर बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके अलावा मौलाना वली रहमानी के निधन से रिक्त हुए पद पर मौलाना खालिद सैफुल्ला और मौलाना कल्बे सादिक के इंतकाल की वजह से खाली हुए ओहदे पर मौलाना अरशद मदनी को नियुक्त किया गया है।

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