UP Assembly Elections 2022 :पश्चिम उत्तर प्रदेश के 'जाटलैंड' में होगी बीजेपी की अग्निपरीक्षा'

देश
रविकांत राय
रविकांत राय | PRINCIPAL CORRESPONDENT
Updated Nov 24, 2021 | 22:24 IST

Muzzafrnagar Special Ground Report: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने कील-कांटे दुरूस्त कर रहे हैं इस बीच टाइम्स नाउ नवभारत की टीम ने मुजफ्फरनगर में जमीनी हकीकत से सामना कराया...

Muzzafrnagar Ground Report
टाइम्स नाउ नवभारत की टीम तीनों कृषि कानून के वापस लेने के बाद पहुँची जाटलैंड मुजफ्फरनगर जमीनी हकीकत को समझने के लिए 

मुजफ्फरनगर की पहचान उसके मिठास की वजह से है, लेकिन पिछले एक साल से इस मिठास में थोड़ी कड़वाहट आई गई किसान आंदलोन की वजह से , पश्चिम उतर प्रदेश का किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों की वजह से नाराज़ है.. टाइम्स नाउ नवभारत की टीम तीनों कृषि कानून के वापस लेने के बाद पहुँची जाटलैंड मुजफ्फरनगर जमीनी हकीकत को समझने के लिए...

हम आपको यहाँ के सियासी समीकरण के बारे में बताए उससे पहले आपको यहां की मिठास और मुजफरनगर के फेमस गुड़ से परिचय कराते है कैसे गन्ने से गुड़ बनता है...

गन्ने की मिठास से तो आप परिचय हो गया अब आपको लेकर चलते किसानों के बीच में जो बीजेपी और केंद्र सरकार से कृषि बिल को लेकर बहुत ज्यादा नाराज़ है सुनिए उनका क्या कहना है (कृषि बिल वापस होने के बाद)

पिछले एक साल से बीजेपी के लिए दिल्ली की सीमा और पूरे देश मे हो रहा किसान आंदोलन सिर दर्द बना हुआ था,अब आपके मन मे ये सवाल उठ रहा होगा की हमने मुजफ्फरनगर को क्यों चुना है... इसके पीछे की वजह क्या हैं ये हम आपको बताएंगे.. लेकिन उसके लिए आपको हमारे साथ सिसौली चलना पड़ेगा।

राकेश टिकैत का गांव है सिसौली हम देखना ये चाहते थे की पीएम मोदी के फैसले के बाद इस गांव के लीग क्या सोचते हैं.. क्या राकेश टिकैत राजनीति के मैदान में उतर सकते है इसलिए हमने किसानों की एक चौपाल लगाई

सवाल.. पीएम मोदी के इस फैसले के बाद क्या किसानों की नाराजगी दूर हो गई है..

आप लोग तीनों कृषि बिल से नाराज थे या बीजेपी से , अब मोदी ने फैसला वापस ले लिया है तो आंदोलन ख़त्म हो जाना चाहिए आप लोगों को क्या लगता है।

हुक्के पर सियासत तय होती है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की

पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक कहावत है की पश्चिम उत्तर प्रदेश जिसके साथ होता है सरकार उसकी बनती है और हुक्का सम्मान का प्रतीक होता और हुक्के पर सियासत तय होती है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ...हम मुजफ्फरनगर में घूम रहे थे तभी हमें पता चला की संजीव बाल्यान और अनुराग ठाकुर दोनों आज यहीं है सांसद खेल स्पर्धा के लिए बीजेपी युवाओं से जुड़ने के लिए ये कार्यक्रम हर जिले में कर रही है, बात खेल के साथ साथ सियासत की भी हुई। यहां हमें बहुत सारे युवा खिलाड़ी मिले जो सांसद खेल स्पर्धा में भाग लेने आये थे हमने उनसे भी बात की सुनिए वो क्या सोचते हैं..

इस बार परिस्थितिया बदली हुई हैं..

2017 के विधानसभा की बात की जाए तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीजेपी ने 71 में से 54 सीटें जीती थी.. इस बार परिस्थितिया बदली हुई हैं.. सपा और आरएलडी का गठजोड़ होने वाला है.. कांग्रेस और बीएसपी की ताल ठोक रहे हैं.. इस बार ये देखने  दिलचस्प होगा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है।

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