स्मृति की बेटी चला रही थी 'अवैध बार', केंद्रीय मंत्री को हटाए सरकार- बोली कांग्रेस; राहुल ने भी NDA को यूं घेरा

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 23, 2022 | 16:43 IST

कांग्रेस ने एक कागजात जारी करते हुए दावा किया कि आबकारी विभाग की ओर से स्मृति ईरानी की पुत्री को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था और जिस अधिकारी ने नोटिस दिया था उसका कथित तौर पर तबादला किया जा रहा है।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • स्मृति ईरानी की बेटी की ओर से खारिज कर दिए गए हैं ये आरोप
  • मंत्री ने कहा- 13 साल की बच्ची पर लगाए इल्जाम, कागजों में बेटी के नाम हैं?
  • 'सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ लगातार उठाती रहूंगी आवाज'

कांग्रेस ने शनिवार (23 जुलाई, 2022) को आरोप लगाया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी गोवा में "गैरकानूनी बार" चला रही हैं। मुख्य विपक्षी दल ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह भी कहा कि वह ईरानी को बर्खास्त करें। स्मृति की बेटी की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है। मंत्री की बेटी के वकील कीरत नागरा ने एक बयान में कहा कि उनकी मुवक्किल 'सिली सोल्स" नामक रेस्टोरेंट की न तो मालकिन हैं और न ही इसका संचालन करती हैं तथा किसी प्राधिकार की तरफ से उन्हें कोई ‘कारण बताओ नोटिस’ भी नहीं मिला है।

नागरा ने कहा कि निहित स्वार्थ वाले कई लोगों द्वारा गलत, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट किये जा रहे हैं, जो उनकी मुवक्किल की मां, प्रतिष्ठित नेता स्मृति ईरानी के साथ राजनीतिक स्वार्थ साधने का प्रयास कर रहे हैं। वकील ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे लोग सिर्फ इसलिए दुष्प्रचार कर रहे हैं ताकि तथ्यों की जांच-परख किये बिना मुद्दाविहीन बात को सनसनी बनाकर पेश किया जा सके और वे मेरी मुवक्किल को सिर्फ इसलिए बदनाम करने पर आमादा हैं कि वह एक नेता की पुत्री हैं।"

NDA यानी ‘No Data Available'- राहुल
इस बीच, कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का मतलब ‘नो डाटा अवेलेबल’ (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं) है और उसके पास कोई जवाब या जवाबदेही भी नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, "नो डाटा अवेलेबल (एनडीए) सरकार चाहती है कि आप यह मान लें कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई, आंदोलन में किसी किसान की जान नहीं गई, पैदल चलते हुए किसी मजदूर की मौत नहीं हुई, भीड़ हिंसा में किसी की हत्या नहीं हुई और कोई पत्रकार गिरफ्तार नहीं हुआ।" उन्होंने दावा किया, "कोई डाटा नहीं, कोई जवाब नहीं, कोई जवाबदेही नहीं।"


 

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