करेंसी एक्सचेंज और खाने के लिए बंकर से निकला था नवीन, गोलाबारी के चपेट में आ गया, पिता ने की शव लाने की मांग

यूक्रेन में जारी रूस की सैन्य कार्रवाई में मंगलवार को भारत के छात्र नवीन शेखराप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई। वह खारकीव में खाने का सामान लेने बंकर से बाहर निकले थे और गोलाबारी की चपेट में आ गए।

Naveen's Father Shekharappa Gyanagoudar
नवीन के पिता 
मुख्य बातें
  • चिंतित अभिभावकों ने मोदी से संघर्ष विराम कराने की अपील की
  • नवीन खारकीव मेडकिल कॉलेज में चौथे वर्ष के छात्र थे
  • नवीन कर्नाटक के अन्य छात्रों के साथ खारकीव के एक बंकर में फंसा हुए थे

रूस के खारकीव में भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा की गोलाबारी में  हत्या हो गई है। उनके रिश्तेदार ने बताया कि जब नवीन भोजन लाने के लिए एक बंकर से बाहर निकला तभी उसकी मौत हो गई। नवीन के अंकल उज्जनगौड़ा ने दावा किया कि नवीन की मौत तब हुई जब वह अपने बंकर से करेंसी एक्सचेंज और कुछ खाने के लिए निकला था।

उज्जनगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक के अन्य लोगों के साथ नवीन खारकीव में एक बंकर में फंस गया था। वह सुबह करेंसी का आदान-प्रदान करने और भोजन लेने के लिए निकला था, तभी वह गोलाबारी में मारा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जब उसने अपने पिता को फोन किया तो नवीन ने कहा कि बंकर में खाना और पानी नहीं है। खारकीव में स्टूडेंट कॉर्डिनेटर पूजा प्रहराज के अनुसार, हमले के तुरंत बाद एक यूक्रेनी महिला ने नवीन का फोन उठाया और कहा कि इस मोबाइल के मालिक को मुर्दाघर में ले जाया जा रहा है। वह गवर्नर हाउस के पास रहता था और भोजन के लिए कतार में खड़ा था। अचानक एक हवाई हमला हुआ जिसने गवर्नर हाउस को उड़ा दिया और वह मारा गया।

वहीं नवीन के पिता ने कहा कि मैंने विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि मेरे बेटे का शव लेकर आएं। छात्र के पिता ज्ञानगौदर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यूक्रेन के खारकीव में फंसे भारत के छात्रों से भारतीय दूतावास से किसी ने संपर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यहां शिक्षा महंगी है। हमें करोड़ों रुपए चुकाने हैं। भारत में जातिवार सीटें आवंटित की जाती हैं। पीयूसी में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बावजूद मेरा बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका।

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चालगेरी स्थित पीड़ित के घर पर उसकी मौत की खबर के बाद से मातम पसरा है और बड़ी संख्या में लोग उसके परिवार को दिलासा देने के लिए पहुंच रहे हैं। इस त्रासदी का पता चलने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ज्ञानगौदर को फोन किया और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। बोम्मई ने ज्ञानगौदर को आश्वस्त किया कि वह उनके बेटे की पार्थिव देह को भारत वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भी बताया कि वह विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ज्ञानगौदर से बात की।  

वहीं विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि खारकीव में मारे गये भारतीय छात्र के शव को शहर में एक मेडिकल विश्वविद्यालय के शवगृह में ले जाया गया है। हम न केवल अपने नागरिकों को जल्द से जल्द संघर्ष क्षेत्र से निकालने का प्रयास करेंगे बल्कि नवीन के शव को भी वापस लाएंगे। हम इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। अन्य चिंतित अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों के सुरक्षित लौटने तक प्रधानमंत्री पूर्वी यूरोपीय देश में संघर्ष विराम सुनिश्चित कराएं।

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