कांग्रेस को 'गच्चा' देने की तैयारी में सिद्धू, केजरीवाल की तारीफ कर मचाई सियासी खलबली

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की प्रशंसा की है। समझा जाता है कि वह अपने बयान के जरिए कांग्रेस पर दबाव बनाना चाहते हैं या उन्होंने आप में शामिल होने का मन बना लिया है।

Navjot singh Sidhu praises Arvind Kejriwal
सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की तारीफ की है।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • पंजाब कांग्रेस में पिछले कुछ समय से कैप्टन अमरिंदर और सिद्धू में जारी है टकराव
  • सिद्धू पंजाब कांग्रेस और सरकार में अपने लिए बड़ा पद चाहते हैं, कैप्टन इसके लिए तैयार नहीं
  • पंजाब में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव, इस टकराव से कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

नई दिल्ली : पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अपना पाला बदल सकते हैं। सिद्धू ने मंगलवार को जो बयान दिया है उससे लगता है कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के साथ जारी तनातनी को छोड़ आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। सिद्धू ने अपने एक ट्वीट में कहा कि 'पंजाब में विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी ने हमेशा उनके विजन एवं पंजाब के लिए उनके कार्यों को समझा। चाहे 2017 से पहले चाहे बेअदबी का मामला हो, चाहे ड्रग्स या किसानों का मामला, भ्रष्टाचार और पंजाब के लोगों की जिन समस्यायों को मैंने उठाया और मैं आज जिस  'पंजाब मॉडल' की बात करता हूं। इन सब बातों को आप अच्छी तरह से जानती है। वह जानती है कि पंजाब के मुद्दों की असली लड़ाई कौन लड़ रहा है।' 

पंजाब कांग्रेस में कैप्टन-सिद्धू में टकराव
सिद्धू के इस बयान के बाद पंजाब की राजनीति का सियासी पारा बढ़ गया है। गौर करने वाली बात यह है कि सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें पहले भी लग चुकी हैं। पंजाब कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू के बीच लंबे समय से खींचतान एवं तनातनी चल रही है। पंजाब कांग्रेस के अपने दो दिग्गज नेताओं के बीच सुलह कराने की कांग्रेस आलकमान की ओर से कई दफे कोशिशों हो चुकी हैं लेकिन दोनों नेता अपने रुख से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। सिद्धू कैप्टन के अधीन काम नहीं करना चाहते जबकि कैप्टन उन्हें प्रदेश कांग्रेस में कोई बड़ा पद नहीं देना चाहते हैं। 

आलाकमान के दखल के बाद भी नहीं थमा विवाद
विवाद का हल निकालने के लिए कांग्रेस ने मल्लिकार्जिन खड़गे के नेतृत्व में एक समिति बनाई है। इस समिति के सामने दोनों नेता पेश हुए। सिद्धू की दिल्ली में राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से मिले। बावजूद इसके पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी थम नहीं पाई है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दोनों नेताओं में टकराव कांग्रेस को सियासी नुकसान पहुंचा सकता है। 

प्रियंका से मुलाकात की चर्चा
चर्चा यह भी है कि सिद्धू पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी से मिले हैं। इस मुलाकात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष पद चाहते हैं। सिद्धू को प्रियंका गांधी का करीबी नेता बताया जाता है।

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