गृहमंत्री की चेतावनी से बौखलाए नक्सली, पर्चा जारी कर बोले- अमित शाह किस-किस से बदला लेंगे

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 05, 2021 | 21:36 IST

छत्तीसगढ़ में शहीद हुए 23 जवानों की शहादत के बाद गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान से नक्सली बौखला गए हैं। इस बीच नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है।

Naxalites Release a latter after Amit Shah Chattishgarh Visit, says from whom will you take revenge
नक्सलियों ने जारी किया पर्चा, बोले-किस-किस से बदला लेंगे शाह 
मुख्य बातें
  • गृहमंत्री अमित शाह बोले- नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज की जाएगी
  • शाह के बयान से भड़के नक्लियों ने जारी किया पर्चा, दी चेतावनी
  • नक्सली बोले- सरकार छिपा रही है अपनी नाकामी

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत से पूरे देश में आक्रोश है और सोशल मीडिया पर सरकार से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठ रही है। इन सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ने आज छत्तीसगढ़ पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी तथा घायल जवानों का अस्पताल पहुंचकर हालचाल जाना। इसके बाद उन्होंने सीआरपीएफ जवानों के साथ लंच किया और उन्हें संबोधित किया। शाह ने कहा कि सरकार नक्सलियों के खिलाफ जारी अपनी लड़ाई को तेज करेगी।

शाह के जाते ही जारी किया पर्चा
अमित शाह के जाते ही नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है और सरकार को फिर से धमकी भरे अंदाज में चेतावनी दी है। 'साहसिक गुरिल्ला योद्धाओं को लाल सलाम! अमर शहीद गुरिल्ला योद्धाओं को जोहार!' नाम से जारी इस पत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में घायल हुए अपने साथियों को योद्धा कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि इन मौतों को लिए केंद्र तथा राज्य सरकारें, खासकर नॉर्थ ब्लॉक (गृह मंत्रालय) जिम्मेदार है।' 

शाह पर निशाना
अमित शाह द्वारा कही गई बात कि 'जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा' से नक्सली बौखला गए हैं और इसकी झलक पत्र में देखने को मिल रही है जिसमें कहा गया है, 'अमित शाह देश का गृहमंत्री होने के बावजूद बीजापुर की तेर्रेम घटना पर बदला लेने की असंवैधानिक बात कहते हैं, इसका हम खंडन करते हैं। यह उनकी बौखलाहट है और उनकी फासीवादी प्रवृत्ति को जाहिर कर रहे हैं। अमित शाह किस- किस से बदला लेंगे?'

सरकार को बताया नाकाम

पत्र में कहा गया है, 'सरकार कोरोना महामारी से जनता की रक्षा करने में नाकाम हुई जनता को बचाने की न सोचते हुए, माओवादी का भूत खड़ा कर रही है, चुनाव पर ध्यान दे रही है। इससे खुले रूप में यह साबित होता है कि जनता के जीवन की रक्षा के बजाय उन्हें सत्ता की ज्यादा फिक्र है... भगवे आतंकवादी ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवादियों द्वारा संघर्षरत जनता को, अपनी लड़ाई लड़ने वाली जनता को आतंकी कहना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।'

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