News Ki Pathshala: क्या जिन्ना बनने की असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं कोशिश ?

News ki Pathshala: एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी यूपी के दौरे पर हैं और तकरीरें कर रहे हैं, उनके हिसाब से मुस्लिम समाज का अस्तित्व खतरे में है, लेकिन क्या हिंदुत्व का डर दिखाकर पर अपनी राजनीति कर रहे हैं।

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क्या जिन्ना बनने की असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं कोशिश? 

News ki Pathshala:  क्या मुस्लिम पॉलिटिक्स और हिंदूफोबिया मेल ही सेक्युलरिज़्म हैष ? क्या हिंदूफोबिया के जरिए यूपी के जरिए एक अलग तरह की राजनीतिक करने की कोशिश की जा रही है जिसका अगुवा बनने की कोशिश एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं।  असददुद्दीन ओवैसी की बातजिन्होंने तीन दिन यूपी में घूमकर सेक्युलरिज़्म के शुतुरमुर्गों को खुलकर चुनौती दी।अपने अंदर छिपे जिन्ना के पूरे सबूत दिए अयोध्या, सुल्तानपुर, बाराबंकी इन तीन जगहों पर ओवैसी की रैलियां हुई थींऔर तीनों जगहों पर ओवैसी ने मुस्लिम समाज को भड़काया।

बाराबंकी में ओवैसी के कड़वे बोल
बाराबंकी की जिस मस्जिद को ओवैसी ने शहीद बताया।उस मस्जिद के बारे में वहां के ज़िला प्रशासन का दावा है किये अवैध निर्माण है, इसलिए इसी साल मई में इसे हटा दिया गयामस्जिद कमेटी के 8 लोगों पर केस भी दर्ज किया गया थाजिन पर आरोप है कि उन्होंने फ्रॉड करके वक्फ बोर्ड में मस्जिद को रजिस्टर्ड करवाया था।

क्या है एआईएमआईएम का मतलब
जिन्ना भी मुस्लिमों को भड़काते थे, जिन्ना भी मुस्लिमों को डर दिखाते थे,जिन्ना भी कहते थे कि मुस्लिमों को अधिकार नहीं मिलेंगे, इन्हीं जिन्ना को बहुत लोग सेक्युलर बताते थे.ओवैसी को भी बहुत लोग सेक्युलर मानते हैं।वो AIMIM के अध्यक्ष हैं,AIMIM यानी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन मजलिस का मतलब - सभा या महफिल या जलसा या अधिवेशन यानी वो जगह जहां बहुत से लोग एकत्र हों।इत्तेहाद का मतलब - एकता, मत्रिता, मेलजोल मुस्लिमीन - मुसलमान, यानी वो जगह या दल जहां मुसलमान एकता के साथ जमा हों। ओवैसी की पार्टी का इतिहास भी जान लीजिए।1927 से AIMIM का इतिहास शुरू हुआ था।हैदराबाद के निजाम के कहने पर पार्टी बनी थीउस वक्त इस पार्टी का नाम MIM था। इसका मकसद था- अलग मुस्लिम देश बनाना 

आपराधिक रिकॉर्ड वालों से एआईएमआईएम को प्यार
इन्हें सिर्फ मुस्लिमों से ही मतलब है,फिर चाहे वो अपराधी ही क्यों ना होइन्होंने अतीक अहमद को गले लगा लियाअब मुख्तार अंसारी को भी गले लगाने के लिए तैयार हैंमायावती ने मुख्तार अंसारी का टिकट काट दियातो ओवैसी की पार्टी ने कहा कि वो मुख्तार को टिकट देंगे।

AIMIM का इतिहास जानें
1944 में कासिम रिजवी MIM का लीडर बना।रिजवी ने डेढ़ लाख रजाकारों की फौज तैयार की।रजाकारों की ये फौज इसलिए तैयार की गई थी कि भारत में हैदराबाद के विलय को रोका जाए।इन्होंने हैदराबाद में खूब हिंसा-खूनखराबा किया।तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने एक्शन लिया। सितंबर 1948 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन पोलो लॉन्च कियाऔर रजाकारों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया1948 में ही MIM को बैन कर दिया गया।इसके नेता कासिम रिजवी को 1957 तक जेल में रखा गया। कासिम रिजवी को इस शर्त पर छोड़ा गया कि।वो जेल से छूटने के 48 घंटे के अंदर पाकिस्तान चला जाएगा। कासिम रिजवी ने पाकिस्तान जाने पर MIM की जिम्मेदारी। एक वकील अब्दुल वहीद ओवैसी को दे दी थी। अब्दुल वहीद ओवैसी ने ही MIM को AIMIM बनाया।अब्दुल वहीद ओवैसी के बेटे सलाहुद्दीन ओवैसी ने 1975 में कमान संभाली। सलाहुद्दीन ओवैसी के ही बड़े बेटे असददुद्दीन ओवैसी हैं।


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