15 राज्य और 150 ठिकाने...NSA डोभाल के 'चक्रव्यूह' में ऐसे फंसा PFI, खुद थे एक्टिव; पल-पल का ले रहे थे अपडेट्स

देश
शिशुपाल कुमार
शिशुपाल कुमार | Principal Correspondent
Updated Sep 23, 2022 | 23:23 IST

इस एक्शन की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। पीएफआई के ठिकानों की लिस्ट भी कई दिनों से बन रही थी। अजित डोभाल की रणनीति का ही कमाल है कि इतने बड़े एक्शन में एक भी गोली चलाने की नौबत नहीं आई।

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • गुरुवार को 15 राज्यों में NIA ने PFI के ठिकानों पर छापे मारे थे
  • इस छापों में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है
  • इस पूरे ऑपरेशन को एनएसए अजित डोभाल ने गुप्त रूप से तैयार किया था

एनएसए अजीत डोभाल के बारे में कहा जाता है कि वो जब प्लान बनाते हैं तो दुश्मन को भनक भी नहीं लगती और जब तक वो सचेत होने की कोशिश करता है, एक्शन पूरा हो गया रहता है। पीएफआई के खिलाफ हुए एक्शन में डोभाल का यही तेवर नजर आता है। खुद डोभाल पूरे ऑपरेशन के दौरान न केवल एक्टिव थे, बल्कि पल-पल का अपडेट भी ले रहे थे।

15 राज्य 150 ठिकाने

गुरुवार को जब सुबह हुई, लोगों का दिन शुरू हुआ तबतक एनआईए के 200 से ज्यादा अफसर पीएफआई के खिलाफ एक्शन में जुट गए थे। देश के 15 राज्यों के 150 ठिकानों पर एक साथ धावा बोला गया। आरोपी को पकड़ा गया, वहां से उठाया गया और अनजान जगह पर ले जाकर पुछताछ शुरू कर दी गई। इस दौरान 106 पीएफआई के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।   

ऐसे रचा चक्रव्यूह

अजित डोभाल गृहमंत्री अमित शाह निर्देश पर इसकी प्लाानिंग काफी दिनों से कर रहे थे। वो जहां सरकारी कार्यक्रम में जाते छापे की रणनीति बना डालते। सूत्रों की मानें तो आईएनएस विक्रांत की लॉन्चिंग पर गए तो केरल में छापे की रूप रेखा बना आए। केरल से मुंबई गए, जहां वह गवर्नर हाउस में रहे और सुरक्षा अधिकारियों से बैठक करके यहां भी रणनीति बना लिए। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर एनएसए डोभाल ने पूरी योजना को गुप्त रखा।  सूत्रों की मानें तो पीएफआई के आतंकी गुर्गों को पकड़ने और पूछताछ के लिए अलग-अलग स्थानों पर लाने के लिए विमानों को भी समय पर तैयार रखा गया था। 

पल-पल की अपडेट

पीएफआई के खिलाफ जब छापे की रणनीति पर बन गई, छापे का दिन आ गया और छापे मारे जाने लगे तो भी अजित डोभाल शांत नहीं बैठे थे। कंट्रोल रूम से बैठकर एक-एक छापे पर नजर बनाए हुए थे। पल-पल का अपडेट ले रहे थे। साथ ही किसे गिरफ्तार किया गया है, पूछताछ में क्या मिला है, इसकी जानकारी भी उनतक लगातार पहुंच रही थी। यही कारण रहा है कि इतने बड़े ऑपरेशन के बाद भी एक भी गोली चलाने की नौबत नहीं आई।

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