129 साल बाद महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में आ सकता है चक्रवाती तूफान, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी 

Tropical cyclone: Arabian Sea में बना निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान का रूप लेता जा रहा है। मौसम विभाग ने इसके जून के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने की संभावना जताई है।

NISARGA  Cyclone
NISARGA Cyclone 
मुख्य बातें
  • बंगाल की खाड़ी में हाल ही मे आया था चक्रवाती अम्फन, पश्चिम बंगाल और ओडिशा हुए थे प्रभावित
  • अब अरब सागर में दे रहा है चक्रवाती तूफान दस्तक, निसर्ग हो सकता है इसका नाम

मुंबई: पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हाल ही में आए चक्रवाती तूफान अम्फन से देश उबर नहीं पाया था कि एक और चक्रवाती तूफान ने देश में दस्तक दे दी है। बंगाल की खाड़ी के बाद ये चक्रवाती तूफान देश के पश्चिम तट पर अरब सागर में उठ रहा है। भारतीय मौसम  विज्ञान विभाग(आईएमडी) ने रविवार 31 मई को पुष्टि की है कि अरब सागर और लक्ष्यद्वीप के बीच बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तेजी ला सकता है। 'निसारगा' नाम के इस समुद्री तूफान के अगले सप्ताह महाराष्ट्र और गुजरात की तटीय सीमा से टकराने की संभावना है। 

मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा, 'दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है तथा फिर यह अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत होकर चक्रवाती तूफान के रूप में तबदील हो सकता है। इसके उत्तर की तरफ आगे बढ़ने और तीन जून तक उत्तरी महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की काफी संभावना है।'

मौसम विभाग ने चार जून तक एहतियातन मछुआरों को समुद्र मे नहीं उतरने की सलाह दी है। मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों के पास अरब सागर में गए मछुआरों को आज वापस आ जाना चाहिए और चार जून तक सागर से दूर रहना चाहिए। आईएमडी के अहमदाबाद केंद्र ने उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों पर सभी बंदरगाहों पर दूरस्थ सूचक (डीसी-1) चक्रवात चेतावनी संकेत सक्रिय कर देने का परामर्श दिया है क्योंकि समुद्र में चार जून तक स्थिति अत्यंत खराब रहने की संभावना है। 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।

129 साल बाद आएगा होगा ऐसा
1891 के बाद पहली बार अरब सागर में महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास समुद्री तूफान की स्थिति बन रही है। इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार इस तरह का डिप्रेशन बना था और तूफान आने की स्थिति बनी थी लेकिन बाद में स्थिति टल गई थी। मुंबई और गुजरात के तटीय इलाकों में समुद्री तूफान को लेकर तैयारियां कम होती हैं ऐसे में 48 घंटे से भी कम समय में इसका सामना कर पाने में निश्चित तौर पर परेशानी होगी। वो भी तब जब महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों का प्रशासन कोरोना से लड़ रहा है। 

निसर्ग होगा तूफान का नाम  
यदि अरब सागर में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अगर तूफान में बदलेगा तो इसका नाम निसर्ग होगा। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस तूफान का नामकरण नहीं किया गया है। ऐसा तब तक नहीं किया जाता है जब तक कि निम्न दबाव का क्षेत्र साइक्लोनिक तूफान में तब्दील नहीं होता है। 


 

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