आरजेडी के मंत्री से नाराज सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की बात कबूली

देश
भाषा
Updated Sep 15, 2022 | 00:27 IST

बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कोटे से मंत्री बने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराज दिखे। उसके बाद उन्होंने  राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर से मुलाकात की

Nitish Kumar angry with RJD minister Sudhakar Singh confesses to meeting with Prashant Kishor
प्रशांत किशोर मिले नीतीश कुमार  |  तस्वीर साभार: BCCL

पटना : बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कोटे से मंत्री बने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने विभाग में भ्रष्टाचार की बात स्वीकारी थी, जिनके रवैये से बुधवार को नाराज दिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके आरोपों से सबंधित सवाल राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछने की बात कही। पटना में बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता कुमार ने राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर से पिछले दिन मुलाकात की पुष्टि की, लेकिन जोर देकर कहा कि बैठक सामान्य थी और इसका कोई राजनीतिक महत्व नहीं था।

मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान कृषि मंत्री द्वारा अपनाए गए रुख के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि मैंने उनसे (सुधाकर) उनकी शिकायतों के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की थी। जवाब देने के बजाय वह बाहर निकल गए। सुधाकर सिंह जिनके पिता जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले कैमूर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने विभाग में भ्रष्टाचार की बात स्वीकारी थी। मंत्री ने उनकी टिप्पणी के कारण सरकार की फजीहत होने व मुख्यमंत्री द्वारा चेतावनी दिए जाने पर इस्तीफा देने की धमकी दी थी। वह अपने विभाग के नौकरशाहों से नाराज बताए जाते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बयान जारी कर दावा किया था कि सुधाकर सिंह ने कैबिनेट की बैठक में उनकी बात नहीं सुने जाने पर अपनी नाराजगी में भी मुख्यमंत्री को निशाना बनाया, लेकिन नीतीश कुमार की हिम्मत नहीं कि उन्हें पद से हटा दें। जब कुमार से सिंह के इस तर्क के बारे में पूछा गया कि वह जो कहते हैं उस पर कायम हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि कृपया उपमुख्यमंत्री साहब (तेजस्वी) से पूछें। जदयू नेताए जो पिछले महीने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने के बाद से विपक्षी एकता कायम करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर से मिलने की पुष्टि की, लेकिन विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।

कुमार ने कहा कि यह एक सामान्य मुलाकात थी। इसमें बहुत कुछ नहीं था। उन्हें पवन वर्मा जो मुझसे कुछ दिन पहले भी मिले थे, अपने साथ लाए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर को अपने शिविर में वापस लाने की उनकी योजना है, कुमार ने कहा कि कृपया उनसे पूछें। मेरे पास इस मुद्दे पर कहने के लिए और कुछ नहीं है। जब किशोर से बाबत संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने जन सुराज्य अभियान के तहत पश्चिम चंपारण जिले में हैं।

कुमार ने यह भी कहा कि उनका किशोर के साथ एक पुराना रिश्ता रहा है और किशोर जिनपर उन्होंने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान कटाक्ष किया था, के प्रति किसी भी तरह की कड़वाहट नहीं है। किशोर ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुमार के लिए पेशेवर क्षमता में काम किया था और महागठबंधन की जीत पर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद से पुरस्कृत किया गया था।

आईपैक के संस्थापक किशोर ने बाद में अन्य राज्यों में अन्य पार्टियों के चुनाव अभियान के प्रबंधन में व्यस्त रहे। वह वर्ष 2018 में जदयू में शामिल हुए जब कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। जदयू में शामिल होने के कुछ ही हफ्तों में वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किए गए, लेकिन सीएए-एनपीआर-एनआरसी (संशोधित नागरिकता कानून- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर- राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विवाद पर मतभेद को लेकर तत्कालीन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वर्मा के साथ निष्कासित कर दिए गए।

किशोर ने मीडिया साक्षात्कारों में स्वीकार किया है कि कुछ महीने पहले जब वह दिल्ली में कुमार से मिले थे तो उन्हें जदयू में सुधार के लिए एक प्रस्ताव दिया गया था, जिसका विवरण वह साझा नहीं करेंगे। किशोर ने कुमार के भाजपा से नाता तोड़कर बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बना लेने पर हाल में कहा था कि इस राजनीतिक फेरबदल का कोई देशव्यापी असर नहीं होगा।

किशोर जिन्होंने 2014 में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए शानदार सफलतापूर्वक चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था पर कटाक्ष करते हुए कुमार ने कहा था कि उनकी इस तरह की बयानबाजी से यही लोग समझेंगे कि उनका बीजेपी के साथ रहने और भीतर से उसकी मदद करने का मन होगा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर