पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू नहीं होगा। गुरुवार को नीतीश ने राज्य में लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ गलत नहीं होगी। मीडिया मुख्यमंत्री से एनआरसी पर उनकी सरकार के रुख के बारे में सवाल किया तो नीतीश ने कहा, ' क्या एनआरसी, एनआरसी? यह बिहार में नहीं लागू होगा।'
जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान नीतीश ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया लेकिन उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) अथवा एनआरसी के बारे में कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि किस वजह से लोगों को उकसाया जा रहा है। हम समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं समाज में सद्भाव, भाईचारा कायम रखने के लिए अपील करता हूं। लोग एक-दूसरे का सम्मान करें। मैं गांरटी देता हूं कि अल्पसंख्यक समुदाय के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा।' बता दें कि असम में एनआरसी की अंतिम सूची गत 31 अगस्त को प्रकाशित हुई और इसमें 3.11 करोड़ नाम शामिल किए गए जबकि करीब 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं किया गया है।
इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया कि उनकी सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देश से सभी घुसपैठियों को बाहर करेगी। इस बीच, एनआरसी और सीएए पर बयान न देने पर पटना में नीतीश कुमार की गुमशुदगी के पोस्टर्स लगाए गए। बता दें कि जद-यू ने संसद में सीएए का समर्थन किया है और इसके बाद वह राजद के निशाने पर आ गई है। सीएए पर जद-यू के रुख पर पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने असहमति जताई है।
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