नई दिल्ली: देश में पिछले 2 सालों से 2000 के नोट नहीं छापे गए हैं। वित्त मंत्रालय ने संसद में ये जानकारी दी गई है। एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी गई। 2000 के नोटों के कम प्रचलन को लेकर सवाल किया गया था। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा, '2019-20 और 2020-21 में 2000 रुपए के नोट प्रिंटिंग प्रेस को नहीं भेजे गए।'
एक सवाल में MDMK सांसद ए गणेशमूर्ति ने पूछा था कि क्या सरकार को इस तथ्य के बारे में पता है कि लोगों के बीच 2,000 के नोटों का प्रचलन बहुत कम है और यह बैंकों और एटीएम में भी उपलब्ध नहीं है।
RBI के परामर्श से होती है छपाई
अनुराग ठाकुर ने उत्तर दिया और यह बताया कि मुद्रा की छपाई मांग पर आधारित थी। उन्होंने कहा, 'सरकार द्वारा बैंक नोटों की छपाई का निर्णय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के परामर्श से किया जाता है। यह निर्णय भी लिया गया था कि क्या यह उपयोग करने के लिए सुविधाजनक है। 2000 रुपए के नोट के प्रचलन में गिरावट थी।' मंत्री ने कहा कि 30 मार्च, 2018 को 2000 रुपए के 3362 मिलियन करेंसी नोट प्रचलन में थे। 26 फरवरी, 2021 तक 2000 रुपए के नोट के 2499 मिलियन नोट प्रचलन में थे।
अप्रैल 2019 से नहीं छपे नोट
RBI ने 2019 में कहा था कि वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल 2016 से मार्च 2017) के दौरान 2,000 रुपए के 3542.991 मिलियन नोट छापे गए थे। हालांकि, 2017-18 में केवल 111.507 मिलियन नोट छापे गए, जो वर्ष 2018-19 में घटकर 46.690 मिलियन नोट हो गए।
अप्रैल 2019 से 2000 रुपए के नए नोट नहीं छापे गए हैं।
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