पूर्वोत्तर की भाषाओं की किसी ने परवाह नहीं की लेकिन पीएम मोदी ने दी अहमियत, अरुणाचल प्रदेश में बोले अमित शाह

अरुणाचल प्रदेश में रामकृष्ण मिशन के स्वर्ण जयंती समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा संबंधी विवाद 60% हल हो गया है। पीएम मोदी ने उत्तर पूर्व और दिल्ली के बीच मतभेदों को समाप्त कर दिया है।

No one cared about the languages of Northeast but PM Modi gave importance, said Amit Shah in Arunachal Pradesh
अरुणाचल प्रदेश में रामकृष्ण मिशन के स्वर्ण जयंती समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • अमित शाह ने कहा कि बोडोलैंड की समस्या का समाधान हो गया।
  • अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा विवाद 60% सुलझा लिया गया है।
  • उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में सभी 8 राज्यों को विकसित करना उद्देश्य है।

अरुणाचल प्रदेश में रामकृष्ण मिशन के स्वर्ण जयंती समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बोडोलैंड की समस्या का समाधान हो गया। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा संबंधी 60% मुद्दों को सुलझा लिया गया है। सभी 8 राज्यों को विकसित करना उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि 2014-2022 के दौरान, पीएम मोदी ने उत्तर पूर्व और दिल्ली के बीच मतभेदों को समाप्त कर दिया है। पूर्वोत्तर की भाषाओं की किसी ने परवाह नहीं की लेकिन पीएम ने उन्हें अहमियत दी है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और अनंत ज्ञान के अप्रतिम प्रतीक युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी के विचार हमारे लिए प्रेरणा के अखंड स्त्रोत हैं, जो युग-युगांतर तक देश का मार्गदर्शन करते रहेंगे। आज रामकृष्ण मिशन आश्रम (नरोत्तम नगर) में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का अनावरण किया। रामकृष्ण मिशन आश्रम पूरे राष्ट्र के लिए आध्यात्मिक व सांस्कृतिक चेतना प्राप्ति का प्रमुख केंद्र है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के नरोत्तम नगर में रामकृष्ण मिशन आश्रम का दौरा किया। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी अमित शाह के साथ आश्रम पहुंचे। गृह मंत्री रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। शाह विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे और राज्य में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

पूर्वोत्तर राज्य की दो दिवसीय यात्रा के दौरान, गृह मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे, विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के कर्मियों के साथ बातचीत करेंगे। सीमा की रक्षा और देश की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र में गृह मंत्रालय के अधीन बलों को तैनात किया गया है।
 

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