Ramlila Maidan: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस साल 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से लगातार हाशिये पर है। अब कांग्रेस पार्टी की हालत ऐसी हो गई है कि वो अपने अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रही है। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि पिछले कई साल से पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है और पार्टी फिलहाल अंतरिम अध्यक्ष के भरोसे ही चल रही है। इसके अलावा कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं, इससे भी पार्टी काफी कमजोर हुई है।
मोदी सरकार के आने के बाद से लगातार हाशिये पर कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस पार्टी के इस खराब दौर की शुरुआत अन्ना आंदोलन से हई थी। भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अन्ना हजारे की ओर से रामलीला मैदान में शुरू हुए आंदोलन का असर इतना हुआ कि केंद्र की सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने के साथ ही कई राज्यों में भी कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा। अन्ना आंदोलन के दौरान रामलीला मैदान में आम लोगों की ही सबसे ज्यादा भीड़ थी, जिसमें काफी संख्या में युवा लोग थे। लोगों की भीड़ भी खुद से आई थी, इन्हें कहीं से भरकर नहीं लाया गया था। अन्ना आंदोलन के दौरान रामलीला मैदान के अंदर और बाहर लोगों के बीच गजब का क्रेज था।
वहीं अन्ना आंदोलन के दौरान केंद्र की सत्ता पर काबिज कांग्रेस ने इसे काफी हल्के में लिया और बाद में उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। मनमोहन सिंह सरकार के समय शुरू इस आंदोलन की चर्चा भारत के साथ दुनिया के कई देशों में भी हुई। इस आंदोलन को मीडिया कवरेज भी बंपर मिली, जिसका बाद में कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। इस आंदोलन से जहां कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ तो कई को फायदा भी पहुंचा। इसी आंदोलन से अरविंद केजरीवाल समेत कई लोग बाद में राजनीति में आए और बाद में पार्टी भी बनाई।
रामलीला मैदान के भरोसे गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी
वहीं अब इसी रामलीला मैदान के भरोसे गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी है। 2024 में अपनी वापसी को लेकर ही आज कांग्रेस पार्टी देश की राजधानी दिल्ली में रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली निकाल रही है। पार्टी का कहना है कि आज देश की जनता के सामने सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता भी मौजूद हैं। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी और राहुल गांधी, संसद और सड़क पर महंगाई के खिलाफ और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। देश के अंदर महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन केंद्र सरकार असंवेदनशील बनी हुई है।
महंगाई की रैली बनाम बागियों की रैली, क्या आजाद की रैली में कांग्रेस टूट जायेगी?
दिल्ली के रामलीला मैदान की रैली से कांग्रेस पार्टी को पूरी उम्मीद और भरोसा है कि उसे अब देश की आम जनता का पूरा साथ मिलेगा और साल 2024 में एक बार फिर केंद्र की सत्ता में वापसी के साथ देश की सबसे पुरानी पार्टी फिर से मजबूत होगी।
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