Rahul Gandhi अब दिखेंगे नए अंदाज में, RBI के पूर्व गवर्नर से रघुराम राजन से किए दिलचस्प सवाल

देश
ललित राय
Updated Apr 30, 2020 | 00:41 IST

Rahul Gandhi video conferencing series: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी खुद वीडियो कांफ्रेंसिंग सीरीज का संचालन करते नजर आएंगे। पहले कार्यक्रम में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन उनके मेहमान हैं।

अब नए अंदाज में दिखेंगे राहुल गांधी, RBI के पूर्व गवर्नर से रघुराम राजन से किए दिलचस्प सवाल
राहुल गांधी 
मुख्य बातें
  • वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नई शुरुआत
  • आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन हैं मेहमान
  • लॉकडाउन और भारतीय अर्थव्यवस्था पर किए कई सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अब तक सभी लोगों ने सवालों का जवाब देते हुए देखा और सुना होगा। लेकिन अब वो अलग रूप में हम सबके सामने होंगे। वो वीडियो कांफ्रेंसिंग सीरीज की शुरुआत कर रहे हैं जिसमें वो अलग अलग क्षेत्रों के दिग्गजों से सवाल करेंगे। उसी कड़ी में गुरुवार को सुबह 9 बजे कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल से सवाल और जवाब को दिखाया जाएगा। राहुल गांधी के पहले मेहमान आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन हैं। रघुराम राजन से उन्होंने कई सवाल किए जिसमें लॉकडाउन, गरीब, भारत की आर्थित प्रगति जैसे सवाल हैं।

मजदूरों के मुद्दे पर राहुल का सवाल
वीडियो कांफ्रेंसिंग का कर्टेन रेजर जारी किया गया है। राहुल गांधी मझे हुए अंदाज में रघुराम राजन से सवाल करते हैं। ज्यादातर सवालों को राहुल गांधी ने अंग्रेजी में पूछा है। लेकिन गरीबों की मदद पर पूछा कि कितने हजार करोड़ की जरूरत होगी तो आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि करीब 65 हजार करोड़ इस समय चाहिए। उन्होंने कहा कि फैसले लेने के बाद उसका क्रियान्वयन ज्यादा जरूरी है। इसमें दो मत नहीं कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब वर्ग पर पड़ा है। 

लॉकडाउन स्थाई समाधान नहीं
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के करटेन रेजर में पहला राहुल गांधी पहला सवाल रघुराम राजन से पूछते हैं कि कोरोना की वजह से देश की अर्थव्यवस्था कितनी प्रभावित होगी। इस सीधे सवाल के जवाब में रघुराम राजन कहते हैं कि इस मौके का भारत अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकता है। वैश्विक स्तर पर औद्योगिक और आपूर्ति चेन में अहम जगह बना सकता है।  इसके बाद राहुल गांधी दूसरा सवाल लॉकडाउन के बारे में करते हैं। इस सवाल के जवाब में राजन कहते हैं कि हमेशा के लिए आप इसे लागू नहीं कर सकते हैं। यह बात सच है कि आज जरूरत है। लेकिन लॉन्ग टर्म में आर्थिक मोर्चे को देखते हुए इसे लागू करना व्यवहारिक नहीं होगा।  

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