इंदौर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए पहुंचाए गए भोजन पैकेट की रोटियां ठंडी होने के मामले में निलंबित खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के एक अधिकारी को मुख्यमंत्री के निर्देश पर बहाल कर दिया गया है। प्रशासन के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के निलंबन की जानकारी मिलने पर चौहान ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि उसे तुरंत बहाल किया जाए।
मुख्यमंत्री के हवाले से जारी सरकारी बयान में कहा गया कि उनके संज्ञान में आया कि उन्हें इंदौर प्रवास के दौरान उपलब्ध कराए गए खाने में शामिल रोटियां ठंडी हो जाने को एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदीय कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। चौहान ने कहा कि वह एक साधारण इंसान हैं और उन्हें सूखी रोटियां खाने में भी कोई गुरेज नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में उन्हें उचित नहीं लगता कि उनके भोजन के कारण किसी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएं। अधिकारियों ने बताया कि चौहान बुधवार रात इंदौर आए थे और स्थानीय कार्यक्रम के तुरंत बाद भोपाल लौट गए थे। मुख्यमंत्री के लिए पैक कराए गए भोजन में जो रोटियां थीं वे उनके कार्यक्रम में देरी के कारण ठंडी हो गयी थीं। मुख्यमंत्री के भोजन से जुड़ी व्यवस्थाओं का जिम्मा खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी के पास था।
उन्होंने बताया कि ठंडी रोटियों की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी मनीष सिंह ने "दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही" के आरोप में स्वामी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। लोगों ने सोशल मीडिया पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी के निलंबन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि राज्य सरकार "वीआईपी संस्कृति" को बढ़ावा दे रही है। इस बीच,खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्वामी ने कहा कि वह उनके मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता के लिए उनके आभारी हैं।
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