नई दिल्ली: 6 महीने से ज्यादा समय से नजरबंद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत अब्दुल्ला की नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है। न्यायालय उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को चुनौती देने वाली सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर अब 2 मार्च को सुनवाई करेगा।
सारा ने कहा, 'हम इस बात से आशान्वित थे कि चूंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला है, इसलिए जल्द ही राहत मिलेगी। लेकिन हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। हम यहां हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी कश्मीरियों को भारत के सभी नागरिकों के समान अधिकार होना चाहिए और हम उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।'
सारा ने 10 फरवरी को शीर्ष अदालत का रूख कर जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 के तहत अपने भाई की हिरासत को अवैध बताया और कहा कि शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी खतरे का सवाल ही नहीं उठता। सारा अब्दुल्ला पायलट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए।
याचिका में पीएसए के तहत उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने के 5 फरवरी के आदेश को खारिज करने और उन्हें अदालत के समक्ष हाजिर करने की मांग की गई है।
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला किया था, तभी से राज्य के शीर्ष नेताओं को नजरबंद किया गया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे।
हाल ही में उमर अब्दुल्ला की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वो एकदम बदले हुए नजर आ रहे थे। उनकी सफेद दाढ़ी काफी बढ़ी हुई थी। तस्वीर देखकर कहा जा सकता है, कि घाटी में हो रही बर्फबारी के बीच की ये फोटो है। इसमें वो मुस्कराते हुए दिख रहे थे। नजरबंद किए जाने के बाद से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दाढ़ी नहीं बनाई है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।