CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शनों की रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की बैठक, सोनिया गांधी ने कही ये बात

देश
रामानुज सिंह
Updated Jan 13, 2020 | 16:36 IST

सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। इस बैठक में शिवसेना, बीएसपी, आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे।

 Opposition parties' meet on protests strategy against CAA, NRC
Opposition parties' meet on protests strategy against CAA, NRC  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली : देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों और अन्य स्थानों पर हुए प्रदर्शनों के बाद हिंसा के कारण उत्पन्न हुए हालात पर चर्चा के लिए कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में कई विपक्षी दल हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सोमवार को यह बैठक बुलाई है। इस बैठक में 20 पार्टियों के नेता शामिल हुए हैं। 

बैठक में शामिल हुए नेताओं को धन्यवाद देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आप लोगों का स्वागत है। मुझे बहुत खुशी है कि हम आज देश में जो हो रहा है, उस पर विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। सरकार ने उत्पीड़न से शासन को खत्म कर दिया है, नफरत फैलाने और हमारे लोगों को सांप्रदायिक लाइनों से विभाजित करने की कोशिश की है। आज देश में अभूतपूर्व उथल-पुथल है। संविधान को कम आंका जा रहा है और शासन तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। छात्रों और युवाओं को विशेष रूप से टारगेट किया गया है। देश के कई हिस्सों में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, आबादी के बड़े हिस्से को परेशान किया जा रहा है और उस पर हमला किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने देशव्यापी सहज विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। इन प्रदर्शनों को युवाओं ने समर्थन दिया। तात्कालिक कारण सीएए और एनआरसी है, लेकिन वे व्यापक निराशा  और गुस्से को को दर्शाता है। अब दर्द खुले में आ गए हैं। यूपी और दिल्ली में पुलिस का एक्शन चौंकाने वाला पक्षपातपूर्ण और क्रूर है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने लोगों को गुमराह किया है। उन्होंने केवल हफ्तों पहले के अपने स्वयं के बयानों का खंडन किया है और राज्य के दमन और हिंसा के प्रति असंवेदनशील रहते हुए उत्तेजक बयान दे रहे हैं जो तेजी से बढ़ रहा है।

सोनिया गांधी ने कहा कि जेएनयू, जामिया, बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एएमयू और देश के अन्य हिस्सों में उच्च शिक्षा के अन्य संस्थानों में जो कुछ भी हुआ, उसके तुरंत बाद बीजेपी के हमले को देश ने भयानक रूप से देखा है। मोदी-शाह सरकार शासन करने में असमर्थ है और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह से विपल है। लगता है असम में  एनआरसी ने बैक-फायर किया है। मोदी-शाह सरकार अब कुछ महीनों में शुरू होने वाली एनपीआर की कवायद पर ध्यान केंद्रित कर रही है। गृह मंत्री के कथनों के विपरीत, यह स्पष्ट है कि देशव्यापी एनआरसी लागू करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

सोनिया ने आगे कहा कि आज भारत के सामने वास्तविक मुद्दा आर्थिक गतिविधियों का पतन, धीमा विकास और समाज से सभी तबकों के विकास असर है। खासकर गरीब और वंचितों को प्रभावित हो रहा है। इस पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास कोई जवाब नहीं है और एक के बाद एक विभाजनकारी और ध्रुवीकरण के मुद्दे को उठाकर इस गंभीर वास्तविक मुद्दों से देश का ध्यान हटाना चाहते हैं। हम एक साथ काम करें और इस सरकार के डिजाइनों को विफल करें। धन्यवाद।

इस बैठक में कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, 
आजेडी के मनोज झा, एनसीपी के शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी, AIUDF के सिराजुद्दीन अजमल, IUML के पीके कुनिहालिकुट्टी, केरल कांग्रेस के थॉमस सी, फॉर्वड ब्लॉक के देवरंजन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, आरएसपी के सत्रुजीत, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा, हम के जीतन राम मांझी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के जस्टिस हसनैन मसूदी, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी, आरएलडी के चौधरी अजित सिंह, स्वाभिमान पक्ष के राजू शेट्टी और वीसीके के थोल मौजूद हैं। इस बैठक में टीएमसी, बीएसपी, एसपी, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कोई सपा से बैठक में शामिल होगा।

इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर चर्चा के लिए कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में उनकी पार्टी शामिल नहीं होगी। मायावती ने ट्वीट किया कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णत: विश्वासघात है।'

उन्होंने कहा कि ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।'

मायावती ने ट्वीट में कहा कि वैसे भी बीएसपी सीएए और एनआरसी आदि के विरोध में है। केंद्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापस ले। जेएनयू और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना अति-दुर्भाग्यपूर्ण।'

नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) शामिल नहीं हुई। पार्टी के सीनियर नेता संजय सिंह ने बताया कि आप को बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए इसमें शामिल होने को कोई मतलब नहीं है। सूत्रों ने हालांकि दावा किया कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप इस बैठक में शामिल नहीं हो रही।

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