Bengaluru Idgah Ground:बेंगलुरु में ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी आयोजन की अनुमति नहीं, जानिए क्या है विवाद की जड़, क्यों हो रहा है विरोध?

देश
रवि वैश्य
Updated Aug 30, 2022 | 22:15 IST

Ganesh Chaturthi at Bengaluru Idgah Ground:कर्नाटक के बेंगलुरू स्थित ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने से जुड़े मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि वहां यथास्थिति बनी रहेगी। 

Ganesh Chaturthi at Bengaluru Idgah ground
इससे पहले यह साइट दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मांग के बाद विवादों में घिर गई थी 

Bengaluru Idgah ground controversy: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि वहां पर आज से ही दोनों पक्षों की ओर से यथास्थिति बरकरार रखी जाए। टॉप कोर्ट ने इसके साथ ही मामले के पक्षों को विवाद निवारण के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया। इससे पहले केस में मंगलवार को एक नई बेंच बनी थी, जिसमें जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एमएम सुंद्रेश रहे।

दरअसल, कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति दी गई थी।

2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मैदान को लेकर कानूनी लड़ाई 

गौर हो कि इस साल गणेश चतुर्थी उत्सव 31 अगस्त को होगा, यह उत्सव आमतौर पर तीन से 11 दिनों तक चलता है। वक्फ बोर्ड और राजस्व विभाग के बीच बेंगलुरु के चामराजपेट इलाके में 2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मैदान को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। हिंदू कार्यकर्ता मैदान में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति की मांग कर रहे हैं।

ईदगाह मैदान साइट 'राष्ट्रीय ध्वज' फहराने की मांग के बाद घिर गई थी विवादों में 

इससे पहले, यह साइट दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मांग के बाद विवादों में घिर गई थी, जिसका दावा कर्नाटक के वक्फ बोर्ड ने किया है, जबकि अन्य का दावा है कि यह नगर निगम या बीबीएमपी से संबंधित है। राष्ट्रीय ध्वज अंतत: स्वतंत्रता दिवस पर फहराया गया था, जब एकल न्यायाधीश की पीठ ने फैसला सुनाया कि साइट का उपयोग ईद-उल-फितर और बकरीद की नमाज के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किया जा सकता है।

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'अगर नमाज की इजाजत है तो वहां गणेश उत्सव मनाने की भी इजाजत दी जानी चाहिए'

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने कहा है कि अगर नमाज की इजाजत है तो वहां गणेश उत्सव मनाने की भी इजाजत दी जानी चाहिए। सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहा और आंदोलन कर रहा चामराजपेट नागरिक मंच वहां गणेश उत्सव मनाने पर अड़ा है।

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका  ने संपत्ति को राजस्व विभाग को सौंप दिया है। वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है कि बीबीएमपी का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और उसने कर्नाटक उच्च न्यायालय से यथास्थिति का आदेश प्राप्त किया है। चामराजपेट सिटिजन्स फोरम से जुड़े कार्यकर्ता पाटापत श्रीनिवास ने  बताया कि ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। कानूनी लड़ाई जारी रहेगी, हमें अपने भगवान की पूजा करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

'यदि स्थल पर गणेश उत्सव मनाया जाए तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए'

हिंसा की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, श्रीनिवास ने कहा कि 1964 के अदालत के आदेश के बाद से साइट पर नमाज की अनुमति देने के बाद से आज तक किसी भी हिंदू कार्यकर्ता ने कोई परेशानी नहीं की है। यदि स्थल पर गणेश उत्सव मनाया जाए तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति हेमंत चंदन गौदर की अध्यक्षता वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ ने स्पष्ट रूप से महाधिवक्ता से कहा है कि विवाद को हुबली ईदगाह मैदान विवाद के रास्ते पर न जाने दें, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस फायरिंग हुई। 1994 में हुबली पुलिस की गोलीबारी में पांच लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। इस घटना के परिणामस्वरूप पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।

सूबे के राजस्व मंत्री बोले थे- 'जमीन राजस्व विभाग की है'

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के केंद्र में स्थित 'ईदगाह मैदान' के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद के बीच हाल ही में राज्य के राजस्व मंत्री ने कहा था कि जमीन राजस्व विभाग की है और वह उसके इस्तेमाल पर फैसला करेगा। वक्फ बोर्ड द्वारा चामराजपेट स्थित 'ईदगाह मैदान' पर दावा किये जाने से उत्पन्न विवाद को खत्म करने की कोशिश करते हुए मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग तय करेगा कि कैसे इस जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। 

ईदगाह मैदान विवाद पर सत्ताधारी BJP चल रही सावधानी से 

चामराजपेट नागरिक संघ ने घोषणा की है कि यदि परिसर के अंदर नहीं है, तो वे ईदगाह मैदान की सीमा के बाहर गणेश की मूर्ति स्थापित करेंगे। बेंगलुरु शहरी जिला आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि अदालत के यथास्थिति के आदेश को पुलिस की मदद से लागू किया जाएगा। एक कार्यकर्ता  ने कहा कि यह सब राजनीति से प्रेरित है, 2023 में विधानसभा चुनावों पर नजर है। ईदगाह मैदान विवाद पर सत्ताधारी भाजपा सावधानी से चल रही है। बेंगलुरू ईदगाह मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भाजपा सरकार हिंदू त्योहारों को मनाने के प्रति संयमित रवैया अपना रही है।
 

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