पाकिस्तान ने 20 भारतीय मछुआरों को किया रिहा, सभी ने पूरी की अपनी सजा

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Updated Jun 21, 2022 | 00:00 IST

पाकिस्तान ने अटारी-वाघा सीमा से 20 भारतीय मछुआरों को रिहा किया है। एक मछुआरे ने कहा कि हम 4 साल बाद वापस आ रहे हैं। पाकिस्तान में फंसे भारतीयों को रिहा किया जाए। भोजन का घोर अभाव है। यदि वे समय पर नहीं आते हैं, तो उनके शव भारत आ जाएंगे।

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वाघा-अटारी सीमा पर भारतीय मछुआरे  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली/लाहौर: पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि उसने 20 भारतीय मछुआरों को जेल की सजा पूरी होने के बाद स्वदेश भेज दिया है। भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग ने कहा कि भारतीयों को वाघा-अटारी सीमा पारगमन स्थल के जरिए वापस भेजा गया है। उसने ट्विटर पर कहा कि पाकिस्तान ने अपनी सजा पूरी करने वाले 20 भारतीय कैदियों (मछुआरों) को रिहा कर दिया है और उन्हें उनके मुल्क वापस भेज दिया है। उन्हें आज वाघा/अटारी सरहद से वापस भेजा गया। 

उच्चायोग ने कहा कि कैदियों का मुद्दा मानवीय प्रकृति का है और पाकिस्तान उम्मीद करता है कि भारतीय पक्ष भी इसी भावना का प्रदर्शन करेगा। वहीं, लाहौर में रेंजर्स के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सिंध प्रांत के मालिर जिले के जेल से रिहा हुए 20 भारतीय मछुआरों को रविवार को विशेष बस से लाहौर लाया गया। सोमवार को वाघा सीमा पहुंचने पर सभी को भोजन, नए कपड़े और 5,000 पाकिस्तानी रुपए मुहैया कराए गए। आव्रजन के बाद उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया। 

पाकिस्तान ने जिन मछुआरों को रिहा किया है उनके नाम हैं... रनवीर माओ जी, बाबू नारन, भुपत भगवान, नारन परबत, भावेश शारा भाई, रूखड़ अर्जुन, दाना भुपत, रांसी बचु, पोला सहूर, मीपा अमा भाई, बिसो नागा, परमा हरेश कुमार, परेश भाई, तबा भाई, वजू लक्ष्मण और जुसेब मूसा। रिहा हुए 20 मछुआरों में रविन्द्र गोविंद, मकवरान भावेश कुमार, अर्जुन बाबू और हिम्मत बादल बाबू भी शामिल हैं। ये सभी गुजरात के रहने वाले हैं और पिछले पांच साल से कराची के लांधी इलाके में मलिर जेल में बंद थे।

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