पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के 'पंज प्यारा' कमेंट से सियासी उबाल, आखिर क्या है मामला

पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को पंज प्यारा क्या बताया कि अकाली दल भड़क उठा। अकाली नेताओं का कहना है कि रावत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

Navjot Singh Sidhu, Captain Amarinder Singh, Harish Rawat, Panj Pyara, Shiromani Akali Dal, Harish Rawat's Panj Pyara comment
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के पंज प्यारा कमेंट से सियासी उबाल, आखिर क्या है मामला 
मुख्य बातें
  • नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्ष को हरीश रावत ने पंज प्यारे से नवाजा
  • अकाली दल ने हरीश रावत के बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
  • अकाली दल नेता बोले- हरीश रावत अपने बयान को वापस लें

पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच शीतयुद्ध फिलहाल थमा हुआ है। लेकिन पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के एक बयान के बाद अकाली दल के नेता निशाना साध रहे हैं। अब सवाल यह है कि हरीश रावत ने क्या कहा था। दरअसल रावत ने सिद्धू और उनके चार वर्किंग प्रेसीडेंट को पंज प्यारा की संज्ञा से नवाजा और इसके बाद सियासत गरमा गई। 

हरीश रावत का पंज प्यारा कमेंट
चंडीगढ़ में बोलते हुए, हरीश रावत ने कहा कि पीपीसीसी प्रमुख से मिलना मेरी ज़िम्मेदारी थी या मैं पंज प्यार कहूंगा कि फिर उन्होंने कहा कि उनका मतलब पांच लोगों से था  श्री सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों। श्री सिद्धू उनके पीछे खड़े थे, मुस्कुराते हुए, श्री रावत ने पत्रकारों से बातचीत को बताया। इससे अकाली दल के नेता नाराज हो गए। अकाली नेताओं ने कहा कि रावत ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उनसे माफी की मांग की।

विरोध में अकाली दल
पार्टी प्रवक्ता डॉ चीमा ने कहा कि हरीश रावत को अपनी बात वापस लेनी चाहिए और सिख संगत से माफी मांगनी चाहिए। श्री रावत ने अपनी पार्टी के नेताओं की तुलना पंज प्यारा से की, जिसे सिखों द्वारा अत्यधिक माना जाता है। पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी की एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है। कांग्रेस नेताओं को इस तरह की हल्की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए और मैं उनसे माफी की मांग करता हूं। जबकि राज्य सरकार को श्री रावत के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज करना चाहिए। हरीश रावत या कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।लेकिन पार्टी ने पहले अकाली दल पर सत्ता से बाहर होने के बाद धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया था।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर