राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने पीडीपी युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पर्रा को आतंकवाद से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। पर्रा ने हाल ही में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा से जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था।आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से उसके संबंधों के मामले में सोमवार से उससे यहां एनआईए मुख्यालय में पूछताछ की जा रही थी।
दक्षिण कश्मीर, खासकर आतंकवाद से प्रभावित पुलवामा में पीडीपी के पुनरुद्धार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पर्रा का नाम निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह मामले की जांच के दौरान सामने आया।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, 'आज, एनआईए ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा शाखा के नेता वहीद उर रहमान पर्रा को नवीद बाबू-दविंदर सिंह के हिजबुल मुजाहिदीन की मदद करने संबंधी मामले में अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।' पर्रा ने कहा था कि उससे जिस मामले में पूछताछ की जा रही है, उसे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने बुधवार को पीडीपी यूथ विंग के प्रमुख वाहीद उर रहमान पार्रा को एक आतंकी केस में गिरफ्तार कर लिया। सस्पेंडेंट डीएसपी देविंदर सिंह केस में नाम आने के बाद पिछले दो दिनों से पार्रा से नई दिल्ली में पूछताछ चल रही थी। इस केस में गिरफ्तार होने वाला वह पहला नेता है।
एनआईए प्रवक्ता ने कहा, 'आज एनआईए ने वाहीद उर रहमान पार्रा को गिरफ्तार कर लिया है, जोकि पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का यूथ विंग लीडर है। हिज्बुल मुजाहिद्दीन को समर्थन देने और अन्य लोगों के साथ साजिश करने को लेकर नावीद बाबू-देविंदर सिंह केस में गिरफ्तार किया गया है।'
इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस गिरफ्तारी को ब्लैकमेल बताते हुए कहा है कि युवा विंग के प्रमुख को झूठा फंसाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'बीजेपी देश के हर नुक्कड़ पर धारा 370 को अवैध तरीके से हटाने का फायदा उठा रही है। लेकिन जब कश्मीरी इसके निरस्त होने पर सवाल उठाते हैं तो उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता है। हर कोई जानता है कि देविंदर सिंह किसके लिए काम करता था। विडंबना है कि वह दूसरों को दोष दे रहे हैं।' महबूबा ने आगे कहा, 'वाहीद का इस आदमी के साथ कोई जुड़ाव नहीं है और उस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। पीडीपी और जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की दूसरी पार्टियों को ब्लैकमेल और डराने के लिए ऐसा किया जा रहा है।' महबूबा ने यह भी कहा कि पार्रा को 2019 में भी अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'फिर भी लोकतंत्र में उसका विश्वास डगमगाने वाला नहीं था और उसने डीडीसी चुनाव लड़ने का फैसला किया। ऐसा प्रतीत होता है कि जो लोग अपना विश्वास लोकतंत्र की ताकत में दिखाएंगे वे एक शत्रुतापूर्ण और सांप्रदायिक सरकार का प्रकोप अर्जित करेंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से वाहीद की सच्चाई, ईमानदारी और चरित्र की गारंटी दे सकती हूं। अब यह न्यायपालिका पर है कि न्याय दिया जाए और वाहीद पार्रा को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।'
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