नई दिल्ली।साइबराबाद गैंगरेप केस के सभी चारों आरोपी अब इस दुनिया में नहीं हैं। तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह उन्हें मार गिराया। पुलिस की इस कार्रवाई पर जहां ज्यादातर लोग खुशी मना रहे हैं वहीं कुछ राजनीतिक दलों को पुलिस की कार्रवाई पर ऐतराज है। उदाहरण के तौर पर सीपीएम के कद्दावर नेता सीताराम येचुरी ने मुठभेड़ को जायज नहीं बताया है
तेलंगाना पुलिस की कार्रवाई पर पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज ने ने कई सवाल दागे हैं। उनका कहना है कि करीब 50 पुलिसवाले सीन रिक्रिएशन के लिये सुबह में तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचते हैं तो सवाल ये है कि वही समय क्यों चुना गया। वो सात दिन से पुलिस हिरासत में थे ऐसे में स्वभाविक है कि उनके पास हथियार नहीं था। उनके हाथों को बांधकर और चेहरा ढंक कर लाया गया था इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में सवाल है कि कैसे वो दौड़ सकते हैं।
इसके अलावा एक बात और समझने की जरूरत है कि क्या उन्होंने पुलिस वालों पर फायरिंग की थी। उनका कहना है कि अगर पुलिस वालों को गोली चलाने की जरूरत पड़ी को वो घुटनों के नीचे फायरिंग कर सकते थे। यह एक तरह से सुनियोजित हत्या है। हत्यारे पुलिसवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में तुरंत न्यायिक जांच की आवश्यकता है।
मायावती ने कहा कि इसका अर्थ तो ये है कि जो लोग गिरफ्तार होंगे और पुलिस की हिरासत में होंगे उन्हें इसी तरह मार दिया जाएगा। उन मामलों को छोड़ दीजिए जिसमें पुलिस गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखती है।
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