चारधाम यात्रा में घटने लगी श्रद्धालुओं की संख्या, केदारनाथ के लिए 30 जून से सभी हवाई सेवाएं होंगी बंद

चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने की संभावना है, साथ ही केदारनाथ के लिए 30 जून से सभी हवाई सेवाएं बंद हो जाएंगी लगातार हो रही बारिश के चलते हेली कंपनियों ने यह निर्णय लिया है।

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15 दिन पहले तक जहां 50 हजार के आसपास तीर्थ यात्री प्रतिदिन चारधाम दर्शनों को पहुंच रहे थे, वहीं अब यह संख्या 26 हजार के आसपास सिमट गई है (फोटो साभार-istock) 
मुख्य बातें
  • अब तक 24 लाख श्रद्धालु कर चुके चारधाम दर्शन
  • 30 जून से सभी हवाई सेवाएं होंगी बंद 
  • मानसून सीजन की वजह से घट रहे हैं श्रद्धालु

देहरादून:  मानसून सीजन की वजह से अब चार धाम श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ रही है। 15 दिन पहले तक जहां 50 हजार के आसपास तीर्थ यात्री प्रतिदिन चारधाम दर्शनों को पहुंच रहे थे, वहीं अब यह संख्या 26 हजार के आसपास सिमट गई है आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने की संभावना है।

इस वर्ष तीन मई को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद तो देशभर से तीर्थ यात्रियों का सैलाब उमड़ने लगा।शुरुआती दिनों में तो प्रतिदिन 55 से 60 हजार के बीच तीर्थ यात्री चारों धाम पहुंच रहे थे। इससे प्रमुख पड़ावों के साथ ही चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार ऋषिकेश में भी सभी होटल, धर्मशाला, आश्रम, यहां तक कि चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड भी तीर्थ यात्रियों से पैक हो गए।

बस टर्मिनल कंपाउंड में पंजीकरण के लिए बने काउंटर के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगने लगीं। ऐसी स्थिति में तीर्थ यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार को चारधाम में स्लाट व्यवस्था तक लागू करनी पड़ी। लेकिन, बरसात के करीब आते ही बीते एक पखवाड़े से तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी घट गई है।

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दरअसल, मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाएं चारधाम यात्रा की चुनौतियां बढ़ा देती हैं। वर्षा के चलते चारधाम यात्रा मार्गो पर जगह-जगह भूस्खलन जोन सक्रिय हो जाते हैं और भू-धंसाव, पहाड़ी से बोल्डर गिरने, सड़कों के पुश्ते ढहने आदि कारणों से अक्सर यात्रा को रोकने की नौबत आ जाती है। ऐसे में सीमित संख्या में ही तीर्थ यात्री चारधाम दर्शनों को पहुंचते हैं। अब जबकि मानसून सर पर है तो तीर्थ यात्रियों की संख्या भी स्वाभाविक ढंग से घटती जा रही है। यह स्थिति अगस्त आखिर तक बनी रहेगी।

अब तक 24 लाख श्रद्धालु कर चुके चारधाम दर्शन :

तीन मई को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक 24 लाख दस हजार 138 तीर्थयात्री चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं। इसमें सर्वाधिक 854870 तीर्थ यात्री बदरीनाथ, 804407 केदारनाथ, 423272 गंगोत्री और 327589 तीर्थ यात्री यमुनोत्री दर्शनों को पहुंचे।

बीते एक सप्ताह में इस तरह घटी संख्या :

  • 20 जून ---33348
  • 21 जून ---29803
  • 22 जून---26349
  • 23 जून ---28542
  • 24 जून---25051
  • 25 जून ---25594
  • 26 जून ---19943
  • यात्रा के लिए बारिश के दिनों की चुनौतियां :
  • जगह-जगह भूस्खलन जोन सक्रिय होना
  • पहाड़ी से बोल्डर व मलबा गिरना
  • अचानक सड़कों के पुश्ते ढह जाना
  •  बरसाती नाले उफान पर होने से सड़कों का क्षतिग्रस्त हो जाना
  • बरसाती नाले उफान पर होने से सड़कों का क्षतिग्रस्त हो जाना
  • अतिवृष्टि से सड़क व पैदल यात्रा मार्गो का धंस जाना

बारिश के दिनों में इन बातों का रखें ध्यान :

  1.  यात्रा की योजना बनाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें
  2. लगातार वर्षा होने की स्थिति में पड़ावों से आगे न बढ़ें
  3.  पैदल मार्ग पर बरसाती के साथ ही आगे बढ़ें
  4.  पानी व जरूरी दवाइयां साथ लेकर चलें
  5. यात्रा में जल्दबाजी न करें
  6.  मौसम खुलने पर ही यात्रा करें
  7.  यातायात के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें।

30 जून से सभी हवाई सेवाएं होंगी बंद 

केदारनाथ के लिए 30 जून से सभी हवाई सेवाएं बंद हो जाएंगी। लगातार हो रही बारिश के चलते हेली कंपनियों ने यह निर्णय लिया है। पूर्व में हिमालयन हेली ने 10 जुलाई तक सेवाएं देने का निर्णय लिया था, लेकिन वह भी अपनी सेवाएं बंद कर देगी।वहीं, अभी नौ में से दो हवाई कंपनियां ही सेवाएं दे रही हैं। अब तक 81 हजार से अधिक यात्री हेली सेवा से दर्शनों को पहुंच चुके हैं। उधर, सितंबर से दूसरे चरण की सेवाएं फिर से शुरू होंगी।

केदारनाथ धाम के लिए छह मई से हवाई सेवाएं शुरू हो गई थीं। हेली सेवा के सहायक नोडल अधिकारी एसएस पंवार ने बताया कि नौ हवाई कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू की थी, जिसमें सात हवाई कंपनियां अब तक लौट चुकी हैं, यह सभी कंपनियां अब अमरनाथ यात्रा में सेवाएं देंगी।इस समय केवल दो हवाई कंपनियां आर्यन व हिमालय हेली अपनी सेवाएं दे रही हैं। इस वर्ष 14,665 उड़ानों से कुल 81,494 तीर्थ यात्री बाबा के दर पर पहुंचे हैं।

पंवार ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर बारिश के दिनों में भी आवाजाही सुचारु रखने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्येक 'डेंजर जोन' पर मजदूरों की तैनाती कर दी है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर बरसात में आवाजाही सुचारु रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रत्येक डेंजर जोन पर 15-15 मजदूर तैनात किए गए हैं, जो मार्ग अवरुद्ध होने की दशा में तत्काल मलबा हटाकर आवाजाही सुचारु करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में गौरीकुंड से एक किलोमीटर आगे पैदल मार्ग बंद हो गया था, जिसे तत्काल आवाजाही के लिए सुचारु किया गया।

पंवार ने कहा कि वर्ष 2020 में गौरीकुंड से आठ किलोमीटर पैदल मार्ग पर पहाड़ी से मलबा आने से अवरुद्ध हो गया था, जिसे कुछ घंटों में ही सुचारु कर दिया गया। भैरव, ग्लेशियर प्वांइट में वर्षा के मौसम में कभी भी पहाड़ी से मलबा आ सकता है। इसलिए केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली, कुबेर, हथिनी, इन डेंजर जोन में मजदूर तैनात किए गए हैं।  (एजेंसी इनपुट के साथ)
 

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