'मिशन गुजरात' पर पीएम मोदी, बोले- वडोदरा मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है, प्रदेश को दिया 21 हजार करोड़ का गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह प्रदेश को आज 21 हजार करोड़ का गिफ्ट दिया। उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वडोदरा में उन्होंने कहा कि वडोदरा मातृशक्ति के उत्सव के लिए एक उपयुक्त नगर है क्योंकि यह मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है, वडोदरा संस्कार की नगरी है।

PM Modi on Mission Gujarat, said Vadodara  is a city giving rituals like a mother, a gift of 21000 crores given to the state
वडोदरा में गुजरात गौरव अभियान में पीएम मोदी  |  तस्वीर साभार: Twitter

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात में 21,000 करोड़ रुपए से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वडोदरा में गुजरात गौरव अभियान में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार ने पिछले 8 वर्षों में महिलाओं को सशक्त बनाया है। उनका सशक्तिकरण भारत के विकास के लिए अनिवार्य है। आज सेना से लेकर खदान तक महिला कल्याण को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत के तेज विकास के लिए महिलाओं का तेज विकास, उनका सशक्तिकरण उतना ही जरूरी है। आज भारत, महिलाओं की आवश्यकताओं, उनका आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है, निर्णय ले रहा है। 

पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि संस्कार नगरी वड़ोदरा से आज करीब 21 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट गुजरात के विकास से भारत का विकास की प्रतिबद्धता को बल देने वाले हैं। इन प्रोजेक्ट्स में भी अधिकतर हमारी बहन-बेटियों के स्वास्थ्य, पोषण और सशक्तिकरण से जुड़े हैं।

पीएम ने कहा कि मुझे पावागढ़ में मां के भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं अर्पित करने का अवसर मिला। मैंने मां से देशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की और आजादी के अमृतकाल में स्वर्णिम भारत के संकल्प की सिद्धि का आशीर्वाद मांगा। आज यहां लाखों की संख्या में माताएं बहनें हमें आशीर्वाद देने भी आई हैं। वडोदरा मातृशक्ति के उत्सव के लिए एक उपयुक्त नगर है क्योंकि यह मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है, वडोदरा संस्कार की नगरी है। ये शहर हर प्रकार से यहां आने वालों को संभालता है, सुख-दुख में साथ देता है और आगे बढ़ने के अवसर देता है।

उन्होंने कहा कि 2 दशक पहले जब गुजरात ने मुझे सेवा का अवसर दिया तो कुपोषण यहां एक बहुत बड़ी चुनौती थी। तब से हमने एक के बाद एक इस दिशा में काम करना शुरु किया जिसके सार्थक परिणाम आज हमें देखने को मिल रहे हैं। देश में अब सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस अभियान से भी गुजरात की बहनों को बहुत मदद मिल रही है। गुजरात में महिलाओं को हर स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए, निर्णय लेने की जगहों पर अधिक अवसर देने के लिए हमने प्रयास किए हैं। महिलाओं की प्रबंध क्षमता को समझते हुए ही गांव से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स में बहनों को नेतृत्व की भूमिका दी गई है।


 

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